हम करते रहे बात ये सोच कर
कि आप सिर्फ हमसे गुफ्तगू करते हैं
आप करते रहे बात हमसे
यह सोच कर कि हम आपके जैसे,
सब से दो बात कर लिया करते हैं
न हमारी बातों ने आपके दिल को छुआ
न आपकी बातों ने हमारे दिल से कुछ कहा
एक दिन हमारी बातें जाने अनजाने में
ख़त्म हो गयीं और पता भी नहीं चला
कि उन आधी अधूरी बातों के साथ
कब हम दोनो भी ख़त्म हो गए।
- हर्ष स्नेहांशु