सर्दी का मौसम, बरसात भी लाया है किसी ने दिल में, फिर मोहब्बत को जगाया है कहने को तो आँसू, आँखों से ही जुड़ गए पर जाने कहां से, करने को फिर इकरार आया है
दर्द को गले लगाकर तो देखो, खुशियों का पता न मिले तो कहना किसी को खुद से ज़्यादा प्यार करके तो देखो, ज़िन्दगी गम को न भुलादे तो कहना जैसे उजाले की ज़रूरत अंधेरे से पता चलती है वैसे ही जस्बातों की अहमियत भी अकेलेपन से ही पता चलती है