आज फिर मेरे शहर में मुकदमा बैठा है..!!सुना है कल शाम तुम गली से गुजरे थे..!! -
आज फिर मेरे शहर में मुकदमा बैठा है..!!सुना है कल शाम तुम गली से गुजरे थे..!!
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ये सर्दी का मौसम ये खुनकी का पहरातुम चाय लिए होती तो कमाल लगती -
ये सर्दी का मौसम ये खुनकी का पहरातुम चाय लिए होती तो कमाल लगती
तुम्हारे तो किस्से थे हमारी कहानियाँ होंगी..!!तुम्हारी जीत से बड़ी मेरी नाकामियां होंगी..!! -
तुम्हारे तो किस्से थे हमारी कहानियाँ होंगी..!!तुम्हारी जीत से बड़ी मेरी नाकामियां होंगी..!!
मोहब्बत में मोहब्बत दिखाई देती है..!!वो दूर हो फिर भी धड़कन सुनाई देती है..!! -
मोहब्बत में मोहब्बत दिखाई देती है..!!वो दूर हो फिर भी धड़कन सुनाई देती है..!!
इक नज़्म लिखी थी बुढ़ापे में अब जवान हो गई..!!मेरे मरने के बाद वो मेरे नाम हो गई..!! -
इक नज़्म लिखी थी बुढ़ापे में अब जवान हो गई..!!मेरे मरने के बाद वो मेरे नाम हो गई..!!
गुमनामी के अंधेरो में खो गया हूँ !!हाँ... अब मैं तेरा हो गया हूँ !! -
गुमनामी के अंधेरो में खो गया हूँ !!हाँ... अब मैं तेरा हो गया हूँ !!
शहर का मौसम बदल रहा है दिल का मौसम कब बदलेगा??उजड़ रही है बस्ती सारी जाने ये दिल कब पिघलेगा??कभी दुखी हूँ कभी हूँ व्याकुल कभी ज़माना बहुत बुरा है ।।सोच में हूँ अब हर पल मैं भी जाने ये दिन कब गुज़रेगा?? -
शहर का मौसम बदल रहा है दिल का मौसम कब बदलेगा??उजड़ रही है बस्ती सारी जाने ये दिल कब पिघलेगा??कभी दुखी हूँ कभी हूँ व्याकुल कभी ज़माना बहुत बुरा है ।।सोच में हूँ अब हर पल मैं भी जाने ये दिन कब गुज़रेगा??
मन घबराए,बादल छाए,धीमी पवन चली जा रही थी !!तेरा आँचल,आंख का काजल,सुनहरी जुल्फें उड़ी जा रही थी !! -
मन घबराए,बादल छाए,धीमी पवन चली जा रही थी !!तेरा आँचल,आंख का काजल,सुनहरी जुल्फें उड़ी जा रही थी !!
गीता कुरान के लिए लड़ते हो ...सच बताओ कभी पढ़ी है क्या?? -
गीता कुरान के लिए लड़ते हो ...सच बताओ कभी पढ़ी है क्या??
इश्क़ बहुत हुआ ना.... चलो गद्दारी करते हैं !जिस्म के नए बाजार में खरीददरी करते हैं!!वाकिफ हूँ मैं वफ़ा परस्तों की बेवफाई से !चलो टूटे हुए आशिक की हौसला अफ़ज़ाई करते हैं !! -
इश्क़ बहुत हुआ ना.... चलो गद्दारी करते हैं !जिस्म के नए बाजार में खरीददरी करते हैं!!वाकिफ हूँ मैं वफ़ा परस्तों की बेवफाई से !चलो टूटे हुए आशिक की हौसला अफ़ज़ाई करते हैं !!