हम लबों से कह जाएं तो कमाल करते है ,
मेरे अश्क इन आंखों को बेमिसाल करते है ,
बरसते नहीं कभी , ज़ख्म खुद का देखकर ,
औरों की बात आ जाएं , तो बवाल करते है ...-
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a "HAND to SOME" 1 type ... read more
इक अर्से से यही हैं कहानी मेरी , की कहीं नहीं मैं आबाद ,
ए ज़माने वालो नज़र मत लगाना , मैं पहले से हूं बर्बाद ,-
हवाएं थक कर लौट चुकी ,
तूफ़ान की कोशिश जारी है ,
फितरत है जिद्दी चराग सी,
हजार आंधियों पे भारी है .....-
अब भी ठहर जाती है धड़कने ,
उसकी तस्वीर का दीदार करके ,
आज उससे मोहब्बत एक तरफ़ है ......
और उससे सब शिकवे एक तरफ ......
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अब कोई दर न बचा , इस सर के लिए ,
मिन्नतें बेकार हुई क्यूं तेरे शजर के लिए ,
कोई उम्मीद कोई राह अब नज़र नहीं आती ,
ज़रा सी छांव पर सौदा जो हुआ घर के लिए ...-
जिसकी ज़रूरत है मुझे अब वो मेरे पास नहीं है ,
बहोत दूर जा चुका वो, मिलने की आस नहीं है,
किसी से अब कुछ चाहते भी नहीं अब हम यारो ,
देने के लिए भी अब कुछ किसी के पास नहीं है ,
क्या मिल गया न जाने उसे हमारा इस्तेमाल करके ,
इस बर्बाद , बेज़ार , जिदंगी को और भी बेहाल करके ,
इस बार जो जीत जाते हम इश्क़ की बाज़ी यारों ,
फक्र से बताते ज़माने को जिंदा आए है कमाल करके
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तेरे इंतज़ार का भी अब इंतज़ार ही रहेगा,
तू मुकर जा भले पर तुझसे प्यार ही रहेगा,
इस दिल ने तूफानों को घोल कर पिया है ,
ये तब भी था अब भी है , बेकरार ही रहेगा...-
हजारों मुश्किलों में लड़खड़ाना और संभलते रहना ,
रुकना तेरा अंजाम नहीं है , तू बस चलते रहना,
बहारो में , बारिशों में मिट्टी की तरह ढलते रहना,
तुझमें हुनर है , अंधेरों को उजालों में बदलते रहना-
आंखें बंद रखने से अब हकीकत तो बदल नहीं सकती ,
और मुश्किलों में दो कदम तू मेरे साथ चल नहीं सकती ,
अकेले थे , अकेले है , अकेला ही कर दिया तुमने जांना ,
जुर्म भी उसने किया है , जिसे सजा मिल नहीं सकती ,
दोस्त ही बेहतर थे हम जांना , ये क्या तमाशा बना दिया ,
कि तेरी मेरी तनहाइयां भी अब साथ टहल नहीं सकती ,
फ़रमान ए इश्क़ , सज़ा ए मौत मिली है तुझे चाहने में,
पेशियों का सिलसिला ख़त्म और सज़ा टल नहीं सकती......
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जंग औ मोहब्बत में बड़ी मुश्किल से घायल होते है ,
अमानत में दिल दे देते हैं जब किसी के कायल होते है
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