मन तूं परेशान सा क्यों है?
जानते हो ...
है समस्या, फिर अंजान सा क्यों है?
मिल जाएगा रास्ता समाधान का ,
फिर हैरान सा क्यों है?
मन तूं परेशान सा क्यों है?-
वो खुशियां बाजारों में कहाॅं जो खुले आसमान में है,
वो खुबसूरती सिर्फ चांद में कहाॅं जो चांद तारों के साथ में है !!!-
मिल जाएगा कोई ना कोई उसे टूट कर चाहने वाला भी,
अब शहर का हर शख्स मेरी तरह बेवफा तो हो नहीं सकता...!!!-
मिल जाएगा कोई ना कोई उसे टूट कर चाहने वाला भी,
अब शहर का हर शख्स तुम मेरी तरह बेवफा हो नहीं सकता...!!!-
रिश्ते खराब कर देती है खामोशी,
बोल कर लर लिया करो तुम मुझसे!!!-
बुरा कह रहे हैं तो कहने दीजिये,
उनकी जुबां पे मेरा नाम तो है वो रहने दीजिए-
छू जाते हो कितनी दफा
तुम ख्वाब बनकर,
कौन कहता है दूर रहकर
मुलाकात नहीं होती!!! ❣️-
तेरे हाथों में मेरा यूं ही हाथ हो,
हर रोज तुमसे यूं ही बात हो,
फिर क्या तकलीफ है जीने में,
गर हर रोज यूं ही मुलाकात हो !!!-
वक्त मिला तो उन्हे
भी बताएंगे ,
उन्हे पाना नहीं सिर्फ
उनका होना चाहते थे...!!!-
किसी से रूठना तो
संभलकर रूठना,
क्योंकि आजकल मानने का नहीं
छोड़ जाने का रिवाज है..!!!-