ज़िन्दगी कब कोन से रास्ते से गुज़ारे कौन जाने
मैं तो मुसाफिर हूं मेरा तो लक्ष्य है मंजिल पर पहुंचना।
- Harsh Kanojiya (कवि हृदय)-
Instagram : harshkanojiya11
☺️मुस्कुरातेरहीये
हर पल को जीये
हर पल का आनंद ले
यह... read more
यूं नहीं की कहने को शब्द नहीं है
पर जीसे कह सकूं ऐसा कोई हमनशीं नहीं है ।
- Harsh Kanojiya (कवि ह्रदय)-
कौन रोक पाया है आज़ाद परिंदों को
हज़ार बंदिशें लगा दी जाएं रास्तों में
मुसाफ़िर तो पहुंच के रहेंगे मंजिल पर।-
मुझे कितना अजीब पहचाना गया है
मुझे समझा नही परखा गया है।
- Harsh Kanojiya (कवि हृदय)-
शून्य से प्रारंभ जीवन को किस दिशा में लेजाना
ये हमारे हाथ में है।-
बहुत पुरानी बात नहीं
कुछ दिनों पहले की बात है
मैं दोस्तों से मिला था
अब लगता है कितनी पुरानी बात है।-
वो जो कुछ फासलों से,
छुट गया था पीछे
अब मुड़कर क्या फ़ायदा,
हाथ पकड़ फिर भी न आएगा
गुंजाइश कोई छोड़ी कहां थी,
तुमने तो हर वादें को तोड़ा था
मैं कहता रहा था के ठहर जाओ
पर तुमने मेरी कब मानी थी
कहते हो अब के साथ चलना है
माफ़ करना मैंने रास्ता मोड़ दिया है।-
लफ्ज़ लफ्ज़ ख़ामोश है हर खामोशी आवाज है
तुम देख रहे हो जो वो मुस्कुराहट एक नक़ाब है।-
घर की ज़िम्मेदारियों ने शहर भेजा
वरना गांव कौन छोड़ना चाहता था।-