Harsh Joshi   (H.V.Joshi)
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Joined 23 August 2018


Joined 23 August 2018
29 APR 2022 AT 18:56

जब उम्र के एक दौर से गुज़र जाती हैं,
बेटी के अंदर उसकी माँ उतर आती है।

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20 JAN 2022 AT 19:41

उसे मुझसे भी ज्यादा कोई शख्स प्यारा मिल गया,
उस शख्स को अपनी आँखों का तारा मिल गया,
बड़े सुकून से रहता है वो आजकल मेरे बगैर​,
​जैसे उसे किसी परेशानी से छुटकारा मिल गया।

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20 JAN 2022 AT 19:16

मुझे आज भी बहुत अफसोस होता है कि,
क्यों मैंने उन कमज़र्फ लोगों को मौका दिया,
अरे भरोसा नही है क्या यार तुझे मुझ पर,
ये कहकर कितने ही लोगों ने मुझे धोखा दिया।

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1 JAN 2020 AT 9:46

सबको पसंद आता हूँ रुमाल की तरह,
कुछ ढूंढता ही रहता हूँ सवाल की तरह,
जिस तरह पिछले साल से ये साल है आया,
मैं भी बदल रहा हूँ नए साल की तरह।

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12 DEC 2019 AT 20:57

क्या कहूँ तारीफ में तेरी,
तू नूरों में नूर है,
बेइज़्ज़त करने वालों के,
शहर में तू मशहूर है।

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13 OCT 2019 AT 19:26

तुम ही हो !!

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6 JUL 2019 AT 0:49

ऐसा दिन तुझे दिखाऊँगा,
सूरज सा तुझे जलाऊँगा,
तेरी औलाद आबाद रहे,
पर तुझे बहुत तड़पाऊँगा।

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5 JUL 2019 AT 22:49

ना वो भाजपा, ना कांग्रेस,
ना ही वो कोई आप है,
जो बिलख रहा है कोने में,
वो एक मासूम का बाप है।

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5 JUL 2019 AT 9:31

वो सूरज है,
कल निकला था,
वो सूरज कल भी निकलेगा,
जो अंधेरे का बर्फ जमा है,
कल फिर से वो पिघलेगा।

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6 JUN 2019 AT 22:01

"ईद"

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