Keh do muhje me tumhra nhi hhun, Tere ishq ke mesube me mein haara nhi hun, Tum lakh durr jaati raho muhjse ye kahe kar ki me tumhra nhi hun, Lekin sirf ishq mene kiya hai isliye me haara nhi hun.
दिल है तो तुझसे ईश्क भी करेगा, तेरी बातों से अपना दिल भी भरेगा, तू दूर जितना भी जाए इससे मगर, यह सिर्फ तुझ पर ही मरेगा, तेरी ही खातिर सबसे लड़ेगा, और आखिर में तुझपे ही मरेगा।
खयाल तेरा ही आता है हर दफा हर कही, मेरा मेहराम सा होगया है तू हर जगह हर कही, अपनी ही बातें छुपता हूं खुदसे इन दिनों हर कही, फिर भी तेरा ही इश्क पाता हूं हर जगह हर कही।