इस ब्रह्मांड में केवल जीवन और मृत्यु ही है जीवन और मृत्यु के बीच सब कुछ अस्थायी है -
इस ब्रह्मांड में केवल जीवन और मृत्यु ही है जीवन और मृत्यु के बीच सब कुछ अस्थायी है
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In this vast universe, only life and death are constants; everything in between is transient -
In this vast universe, only life and death are constants; everything in between is transient
"खो तो कोई किसी की आंखों में गया है खो तो कोई किसी की आंखों में गया है ""की दीवानों की बस्ती में, कोई .. कोई , एक घर तो दिला दोमुखलिस बने बैठा है अकेला , कोई,कोई तो , इन्हे अपने फरिश्ते से मिलवा दो -
"खो तो कोई किसी की आंखों में गया है खो तो कोई किसी की आंखों में गया है ""की दीवानों की बस्ती में, कोई .. कोई , एक घर तो दिला दोमुखलिस बने बैठा है अकेला , कोई,कोई तो , इन्हे अपने फरिश्ते से मिलवा दो
तुम्हारे छोड़ जानें के खयाल से ख़ुद को आज़ाद करता हूंआज इस मोहब्बत के कैद से "तुम्हें रिहा करता हूं " -
तुम्हारे छोड़ जानें के खयाल से ख़ुद को आज़ाद करता हूंआज इस मोहब्बत के कैद से "तुम्हें रिहा करता हूं "
नज़रे असमा की तरफ़ किए हम सितारों को ताक रहेजमीं पे सजे है कदम और हम आसमा नाप रहे -
नज़रे असमा की तरफ़ किए हम सितारों को ताक रहेजमीं पे सजे है कदम और हम आसमा नाप रहे
"अगर प्रेम में बर्बाद ना हुवेतो प्रेम ही क्या हूवा ।गर प्रेम में किसी को बर्बाद किया तो शायद तुम्हे प्रेम ही ना हु़वा" -
"अगर प्रेम में बर्बाद ना हुवेतो प्रेम ही क्या हूवा ।गर प्रेम में किसी को बर्बाद किया तो शायद तुम्हे प्रेम ही ना हु़वा"
हैं कोमल स्वरूप मेरा, पर लौह सामान हिम्मत भीदहाड़ती हुं वज्र की तरह ,पर हूं , जल सामान शीतल भीजीवन का अर्ध भी हूं मैं, सृजन का प्रतीक भीमैं एक तिरिया , मैं एक जननी। हां हूं एक नारी मैं। -
हैं कोमल स्वरूप मेरा, पर लौह सामान हिम्मत भीदहाड़ती हुं वज्र की तरह ,पर हूं , जल सामान शीतल भीजीवन का अर्ध भी हूं मैं, सृजन का प्रतीक भीमैं एक तिरिया , मैं एक जननी। हां हूं एक नारी मैं।
एक दिन इस ज़माने के लिए तुम काफ़िर हो जाओगे ।लोगों की ज़रूरत पर तुम मिटते चले जाओगे जिन रिश्तों का गुमान रखा करते थे तुम कभी उन्ही रिश्तों से बेनाम कर दिए जाओगे।एक दिन ज़माने के लिए तुम ,फिर काफिर हो जाओगे । -
एक दिन इस ज़माने के लिए तुम काफ़िर हो जाओगे ।लोगों की ज़रूरत पर तुम मिटते चले जाओगे जिन रिश्तों का गुमान रखा करते थे तुम कभी उन्ही रिश्तों से बेनाम कर दिए जाओगे।एक दिन ज़माने के लिए तुम ,फिर काफिर हो जाओगे ।
"दोस्तों की तरक्की हुईं तो दुनिया के सामने मुझे गुरुर हूवा!लेकिन हैसियत जब बदली दोस्तों की तो उनकी नज़र में मेरी औकात का मालूम हुवा" -
"दोस्तों की तरक्की हुईं तो दुनिया के सामने मुझे गुरुर हूवा!लेकिन हैसियत जब बदली दोस्तों की तो उनकी नज़र में मेरी औकात का मालूम हुवा"
अभी तो सिर्फ़ पंखों के होने एहसास भर हुवा है उड़ान भरना तो अभी भी बाकी है -
अभी तो सिर्फ़ पंखों के होने एहसास भर हुवा है उड़ान भरना तो अभी भी बाकी है