Harry Sharma   (हरि)
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Joined 13 October 2018


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21 JUN 2021 AT 0:18

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7 JAN 2021 AT 20:26

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26 NOV 2020 AT 22:49

कोई चित्र में भी चरित्र देखता है .. और कोई चरित्र में भी चित्र देखता है .. बस एक नज़रिये की करामात है !
कोई अपना होकर भी अपना बनता* है .. कोई अपना न होकर भी अपना बनता* है.. सब समय की बात है !!

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26 NOV 2020 AT 22:38

जीवन में जो भी तनाव है ,
जिज्ञासाओं की बहती नाव है !
कभी धूप तो कभी छाँव है ,
कभी सुख है तो कभी दुखों के घाव है!!

हम पात्र है एक नाटक के ,
उपासक है उस ब्रह्म के !
अभिनय करके जाना है,
एक दिन उस ब्रह्म में विलीन हो जाना है !!

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7 OCT 2020 AT 0:31

शब्दों की कोई कमी नहीं, बस भाव का अभाव है,
बेचैनी में थोड़ा लिख लेते है, यही अपना स्वभाव है!!

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25 SEP 2020 AT 12:56

जीवन जीना है एक कौषल अविरत,
प्रतिपल पथ में है नव विघ्न अनुरत...

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13 SEP 2020 AT 22:42

सुलगते धधकते अधूरे फ़सानों की, ख़्वाबनुमा, शमशानों सी..
दुनियाँ फरेबी, झूठी, मक्कार, दगाबाज़ और बईमानों सी!!

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12 SEP 2020 AT 23:31

चन्द पन्नो में सिमटा एक किस्सा हूँ, तलाश रहा हूँ खुद को एक अरसे से, न जाने किस किताब की अधूरी कहानी का हिस्सा हूँ!
मुसाफ़िर हूँ मैं किसी अनजान सफर का, मंजिलों की तलाश में भटक रहा हूँ, लगने लगा है जैसे शायद रास्तों का ही हिस्सा हूँ...
खुले आसमान में परवाज़ कर , रहमतों की बारिश को तरस रहा अरसे से, "हरि" तेरी हुकूमतों का ही नाचीज़ हिस्सा हूँ!!

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11 SEP 2020 AT 17:12

कुछ राहें ऐसी होती है , जिन पर चलना दूभर है, और उन्हें छोड़ना भी संभव नहीं ,
पता नही राह कट पाएगी या होगी ताउम्र यूँ ही, या मिलेगी राह में ही मंजिल कहीं!!

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9 SEP 2020 AT 23:58

मैं अपने दिल में दर्द का एक समंदर लिए बैठा हूँ,
हौसलों से भरे बादल आँखों में समेट कर बैठा हूँ!!
दिल में कोशिशों के अनेक अरमान लिए बैठा हूँ,
मैं मन में अपनी जीत का फ़रमान लिए बैठा हूँ!!

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