Paid Content
-
कोई चित्र में भी चरित्र देखता है .. और कोई चरित्र में भी चित्र देखता है .. बस एक नज़रिये की करामात है !
कोई अपना होकर भी अपना बनता* है .. कोई अपना न होकर भी अपना बनता* है.. सब समय की बात है !!
-
जीवन में जो भी तनाव है ,
जिज्ञासाओं की बहती नाव है !
कभी धूप तो कभी छाँव है ,
कभी सुख है तो कभी दुखों के घाव है!!
हम पात्र है एक नाटक के ,
उपासक है उस ब्रह्म के !
अभिनय करके जाना है,
एक दिन उस ब्रह्म में विलीन हो जाना है !!
-
शब्दों की कोई कमी नहीं, बस भाव का अभाव है,
बेचैनी में थोड़ा लिख लेते है, यही अपना स्वभाव है!!-
सुलगते धधकते अधूरे फ़सानों की, ख़्वाबनुमा, शमशानों सी..
दुनियाँ फरेबी, झूठी, मक्कार, दगाबाज़ और बईमानों सी!!-
चन्द पन्नो में सिमटा एक किस्सा हूँ, तलाश रहा हूँ खुद को एक अरसे से, न जाने किस किताब की अधूरी कहानी का हिस्सा हूँ!
मुसाफ़िर हूँ मैं किसी अनजान सफर का, मंजिलों की तलाश में भटक रहा हूँ, लगने लगा है जैसे शायद रास्तों का ही हिस्सा हूँ...
खुले आसमान में परवाज़ कर , रहमतों की बारिश को तरस रहा अरसे से, "हरि" तेरी हुकूमतों का ही नाचीज़ हिस्सा हूँ!!-
कुछ राहें ऐसी होती है , जिन पर चलना दूभर है, और उन्हें छोड़ना भी संभव नहीं ,
पता नही राह कट पाएगी या होगी ताउम्र यूँ ही, या मिलेगी राह में ही मंजिल कहीं!!
-
मैं अपने दिल में दर्द का एक समंदर लिए बैठा हूँ,
हौसलों से भरे बादल आँखों में समेट कर बैठा हूँ!!
दिल में कोशिशों के अनेक अरमान लिए बैठा हूँ,
मैं मन में अपनी जीत का फ़रमान लिए बैठा हूँ!!
-