Haritima Singh(भुमि)   (Chulbuli chulbul)
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Joined 11 December 2020


Joined 11 December 2020
6 OCT 2022 AT 19:43

इस भाग- दौड़ वाली जिंदगी में तुम मेरे लिए बारिश हो.......

जैसे फिज़ा रौनक की चादर ओढ़ लेती है, बारिश के बाद
मैं भी तुम्हें देखते मात्र ही खिल उठती हूँ
लगता है कोई नई जिंदगी फिर से शुरू हुई हो

ऐसे तुम्हारी आँखों में भी एक अलग चमक आती है
मुझे देखते ही,
शायद जो तुम लफ़्जो में बयां नहीं करते हो
वो सारी बातें मुझे तुम्हारे आँखों में दिख जाती है

घंटों बात करने पर हम एक दूसरे से कह नहीं पाते
कि बहुत याद आएगी तुम्हारी

लेकिन जाते जाते हर बार हमारी आँखे बारिश हो जाती हैं।

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20 SEP 2022 AT 10:41

सोचती थी अगर मिलोगे तुम कभी फिर से तो
कहूँगी तुम्हें वो सारी बातें जो दिल में हैं.....शहर वही हो ज़रूरी नहीं जहाँ हम पहली बार मिले थे..... तुम कहीं भी मिलते मैं उन्हीं जज्बातों के साथ सारे दर्द बताती तुम्हें
अब जो तुम मिल गए हो और फिर से उसी शहर में ही
तुमसे कुछ कह नहीं पाती हूँ... बहुत कोशिश करने पर भी
तुम्हारी आँखें ही उलझन में डाल देती हैं
मना करती है अब और सवाल नहीं उनसे
मैं तुमसे तो सवाल कर लेती पर उन आँखों से कैसे करूँ
जो मुझे इस कदर देखती है ... जिनमे डूब जाने को दिल करता है...

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11 SEP 2022 AT 9:37

उससे न मिलाया करो खुदाया
जिसकी सिर्फ तस्वीर ही बस मुकद्दर मे रहे....

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11 SEP 2022 AT 9:35

और वो चले जाएंगे
तुम रह जाना वहीं
उनकी बातों में, यादों में
रख लेना तुम उनको पास
लिख लेना उन्हें जज्बातों के पन्नों पे
पर क्या होगा इनका कभी सोंचा है
तकलीफ मिलेगी तुम्हे
तुम समझो इन चीजो को
रातों में रोना आम है
पर उसे सोच के तुम दिन मे रोने लगी हो
अकेले रहने से डरती हो
कहीं याद न आ जाए वो
क्यों हक देती हो किसी को
जिसके वो हकदार ही नही होते
दुनिया बड़ी है तुम्हारी
तुम्हे इन छोटी चीजों मे नही उलझना है
उसके प्यार के लिए उससे ही मत लड़ो
तुम लड़ो!!
लेकिन खुद से
खुद को पाने के लिए
खुद को समेटने के लिए
खुद को चाहने के लिए
खुद को निखारने के लिए।

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3 JUL 2022 AT 16:20

जिंदगी अब अजीब सी हो गई है
बाकी इनमें अब उलझने ही रह गई है
मेरा मन हमेशा घबराया रहता है
एक अंजान दर्द समाया रहता है
सारे सपने बिखरते नजर आ रहे
कुछ लोग भी साथ छोड़ते जा रहे
मेरा दिल खुद से ही लड़ने लगता है
मुझसे लड़ कर मुझमें ही बिखड़ने लगता है
मन कहता है सब कुछ छोड़ जाने को
सपने कहते है इस तरह न हार जाने को
सोचती हूँ अगर न होंगे ख़्वाब सारे पूरे
तो हम क्या रह जायेंगे यूँ ही अधूरे
मेरा मन अंदर से कचोट उठता है
खुद को ही हर बार कोस उठता है
हर बार गलती खुद की ही लगती है
मेरी जिंदगी मुझे हर बार कोसती है
अब इन आँखों को बंद कर जाऊँगी
सबके दिल में एक जगह छोड़ जाऊँगी

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12 JUN 2022 AT 14:03

वो एक खूबसूरत लम्हा था
वो एक हसीं ख़्वाब था....
न कोई ख़्वाब न कोई लम्हा
अब उस जैसा होगा......
उसके ना होने का ग़म नहीं मुझे
वो एक ’ वक़्त’ था मेरा
इस बात की खुशी है......


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10 JUN 2022 AT 22:39

Why we always want to be haapy...
Why we always hear that... We shouldn't have any expectation from others. We are human and it's our nature. How can we leave it??
So expectation is not bad, if we are accepting the reality also.
Biggest reality is that 'Forever is a myth'... So love, live and leave.

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5 JUN 2022 AT 20:50

कभी -कभी मुश्किलें बहुत खूबसूरत होती हैं।

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2 MAY 2022 AT 16:02

अब प्यार नहीं जिंदगी तुझसे,
अब बस मोह बाकी है....

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23 APR 2022 AT 20:05

ख़्वाब, ख्वाहिश और जिंदगी के बीच उलझी.... इक सहज और सरल लड़की 💙😉

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