24 JUN 2019 AT 23:45

लोहार हो या जौहरी?
मुझे जो पता था-
लोहे की पहचान जानो तो लोहार,
और जवाहरात की जानो तो जौहरी।

लेकिन चलो आज बदलती हूं
थोड़ा इन शब्दों का मतलब।
लो जो हार ना माने वह लोहार,
और जो हरियाली फैलाए वह जौहरी।

समझ पाए क्या मेरे मतलब का मतलब!!?

नहीं, तो थोड़ा और समझाती हूं
लोहार भी हो तुम और जौहरी भी हो तुम।
जो वृक्ष हो रहे हैं आज कम,
वह हो ही ना जाएं कल तक कहीं गुम।

जिसका आज तुम्हारे लिए कोई नूर नहीं,
वह बन न जाए कल कोहिनूर कहीं।
कम ना पड़ जाए यह पौधे कहीं इतने,
कि सांसे भी खरीदनी पड़ जाए हमें।

तो लोहार बनके लाओ जौहरी इतनी,
कि स्वच्छ सांसे ले पाए सभी।

- Harita