एक ग़म घेरे रहता है मुझको हर वक़्त
ना जाने वो मेरा है या फिर उसका-
Harish Kumar
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Joined 25 April 2019
25 SEP 2024 AT 20:53
ना जाने क्यों आज उसके लिए मौत की दुआ मांगी
अब उसकी अज़ियत देखी नहीं जाती-
6 MAY 2024 AT 21:51
इक सांस अटकी है मेरी किसी की साँसों में
जिस दिन उसकी सांस टूटी समझो मैं बिखर गया-
3 MAY 2024 AT 22:08
इक मकान बनाया था सपनों का
फिर यूं हुआ इक 'ना' ने सपनों का घर तोड़ दिया-
31 MAR 2024 AT 22:31
जिंदगी के दिए हुए जख़्म अब इतने हो गए हैं कि
जिंदगी अब कहने लगी है कि अब तो मुझे छोड़ दें-