Harish Banniwal   (©itsharish)
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Joined 13 April 2019


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Joined 13 April 2019
26 FEB 2022 AT 21:05

जंग में मर - हवा सिपाही होंगे ;
सुर्ख - रू ज़िल्ल - ए - इलाही होंगे।

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11 JAN 2022 AT 4:47

नफरत है मुझे उससे तू जिससे मोहब्बत करता है
जल सा जाता हूं मैं जब तू उसकी बातें करता है

कभी दिखता था मुझे तेरी आंखों में चेहरा अपना
आज मुझे तेरी आंखों में कोई और दिखता है

नफरत होती है मुझे तुझे किसी और के साथ देखकर
नहीं पसंद मुझे किसी का चलना तेरी बाहें पकड़कर

गुस्सा नहीं करता मैं पर गुस्सा हो जाता हूं आजकल
हर दफा जब आता है उसका नाम तेरी ज़ुबान पर


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19 DEC 2021 AT 10:53

हमारा किस्सा फिलहाल खत्म ही कहां हुआ है,
अभी तो मेरा देवदासों में शामिल होना बाकी है;

मोहब्बत में बदनाम तो हम पहले हो ही चुके हैं,
उनके निकाह में हमारा ज़लील होना बाकी है।

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4 DEC 2021 AT 11:40

आज जुल्मों की मुझपे इंतहा करदो,
फिर कोई साबिर मिले या ना मिले।


इंतहा - हद
साबिर - सहनशील

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1 NOV 2021 AT 1:11

रोज़ करती हूं उम्मीद
आज बिकेगा दिवा मेरा
मेरे ना किसी और घर सही
दूर करेगा जो अंधेरा
पढ़ना नहीं जानती मैं
पर हालातों को जानती हूं
तभी तो मैं हुनर अपना
दियों पर मैं दिखाती हूं
मेरी मजबूरी समझे कोई
मेरे दीवे भी खरीदे कोई
हर कोई रोशनी चाहता है
हाथों से बनी दियों से नहीं
लड़ियों से घर सजाता है
काश कोई खरीदे इन्हे भी
काश कोई समझे मुझे भी

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18 OCT 2021 AT 1:43

यूं ही बिन मौसम तो नहीं बरसते ये बादल,
ज़रूर बरसी होंगी आज आंखे किसी की!!

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3 OCT 2021 AT 21:20

अभी बहुत बातें बाकी है उन्हें पूरी कर लेने दो
अभी जाओ ना

सफर अभी कुछ बाकी है साथ मुझे चलने दो
अभी जाओ ना

कुछ ही वक़्त तो गुज़रा है यादें तो बना लेने दो
अभी जाओ ना

बस नज़र में ही समाए हो दिल में बसा लेने दो
अभी जाओ ना

इश्क़ रह गया है अधूरा मुकम्म्मल करने तो दो
अभी जाओ ना

मुझमें थोड़ी और मोहब्बत भी बाकी रहने दो
अभी जाओ ना

तुम पर मरकर थोड़ी और ज़िन्दगी मुझे जीने दो
अभी जाओ ना

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26 SEP 2021 AT 15:25

" ये भी मुमकिन है के लौट ना सकु कभी,
ये भी जायज है के तुम इंतजार ना करो "!

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26 SEP 2021 AT 0:21

Now we've to living are lives alone and have to separately die,
These are the best words from me to end this cuz i'm not good at goodbye.

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15 SEP 2021 AT 0:29

मेरे चुके थे तुम्हे देखकर पहली ही मर्तबा,
अब तो बस सांस दर सांस लिए जा रहे हैं!

बेशक अब इन बातों का कुछ मतलब ना हों;
पर हम बेमतलब अकेले ही जिए जा रहे हैं!!

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