यहाँ हर कोई किसी के जैसा बन ना चाहता है,
ख़ुद के जैसे बन ने की चाहत अब ख़त्म हो गई-
{ਵੰਡ ਛਕੋ}
ਟਿੱਡ ਦਿੱਤਾ ਜਿਹਨੇ ਉਹ ਟਿੱਡ ਭਰਨ ਦਾ ਜੁਗਾੜ ਵੀ ਦੇਵੇਗਾ
ਰੱਖ ਹੌਂਸਲਾ ਬੰਦਿਆ ਉਹ ਤੇਰੇ ਮਾੜੇ ਦਿਨ ਵੀ ਸਵਾਰ ਦਵੇਗਾ
ਕਾਤੋ ਭਜਿਆ ਫਿਰਦਾ ਏਵੇਂ ਔਕੜਾ ਚ ,ਮਿਲ ਰੱਬ ਦੇ ਬੰਦਿਆ ਨੂੰ
ਦਿਲਾ ਦਾ ਜਾਨੀ ਬਣਕੇ,ਕਾਦੀ ਹੋੜ ਹੈ ਏਥੇ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ,
ਲੱਬ ਅਪਣਾ ਆਪ ਆਪਦੇ ਅੰਦਰ ਵੜਕੇ,ਉਹਨੇ ਵੀ ਤੁਰ ਜਾਣਾ ਤੂੰ ਵੀ ਤੁਰ ਜਾਣਾ ,ਕੌਣ ਏਥੇ ਸਾਦੀਆ ਲਈ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ !!!
ॐ ਰੱਬ ਦਾ ਬੰਦਾ ੴ-
अगर बंद आँख से देखा जाये तो कोई समस्या बड़ी नहीं,
खुली आँखों से समस्या को बड़ा देखना मतलब तुम में साहस नहीं !!-
इज्जत होती है इंसान के व्यक्तित्व की
शक्ति का उत्सर्जन मानव ख़ुद करता है
और पैसा तो सिर्फ़ राहगुज़ारी का साधन हैं-
किस तरह डोह सकता है एक आदमी चार कंधों का भोज
जहां सिर्फ़ उसे किसी दूसरे की तरक़्क़ी के लिए रुकना पड़े-
“ताश के पत्तो की तरह खुलते है ज़िंदगी के पन्ने
जोकर पाकर दुखी होने वाले को क्या इल्म
की अगला पत्ता बादशाह निकले “
!!Today is going to be a great day
No matter what!!
“ताश के पत्तो की तरह खुलते है ज़िंदगी के पन्ने
हुकम का इक्का हाथ मैं लेकर ज़्यादा खुश ना हो
क्या पता अगली चाल मैं दुक्कीं बाज़ी ले जाये “-
इक मेरा ख़ुदा जिसने अपने बंदे को कभी आँखों से ओजल नहीं किया,
फैरना तो सिर्फ़ मन का मनका था , मैं मूर्ख उसे माला के मनकों मैं
ढूँढता रहा 📿-
एक नज़र का दीदार करले जो मेरे चाहने वाला,
तऊमर किसी फ़क़ीर से नज़र ना उतराऊ मैं-
एक वो है जो देख के नज़रंदाज़ करने मैं माहिर
एक मैं हूँ जो उसे नजरो मैं रखकर ख़्वाबो मैं पिरोता हूँ-
अपने चेहरे पर झूठ के मखौटे लगाकर
इंसान अपनी आत्मा की सचाई से कतराता हैं-