तुम दूर रहकर भी लगती हो पास, क्योंकि मेरे लिए हो सबसे खास। कह न सका तुमसे अपने दिल की बात, छिपा रखा था प्यार के जज्बात। खुद पहले थोड़ी करो तो शुरुआत, होंगी थोड़ी सी बातें और मुलाकात। बदल जायेगी सोच और समझने लगोगी हमें आप, कि कितना ज्यादा मोहतरमा आपसे करते हैं प्यार।
उलझ सा गया हूं जीवन के इस दौड़ में बदल गया है जिंदगी का तरीका फर्क करना हो गया है मुश्किल कि जिंदगी की राहों में कांटे पड़े हैं या कांटों में ही पड़ी हैं जिंदगी।
तकलीफों से गुजरकर हमने जीना सीखा है मुश्किलों से लड़कर हमने जीतना सीखा है हमारी जिंदगी उतनी आसान नहीं..... जितना आपने सोच कर रखा है क्योंकि अपनी हर इक मुस्कुराहट में दर्द छिपा रखा है।