Hari Singh Sanawara  
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Joined 2 May 2019


Joined 2 May 2019
23 MAR AT 12:13

इंसान बढ़ते समय के साथ सीखता है,
कौन अपना है कौन पराया है।

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15 AUG 2024 AT 19:25

भाई-भाई के बीच मतभेद हो लेकिन मन मुटाव कभी नहीं होना चाहिए।

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16 NOV 2023 AT 23:36

आदमी का सुख और दुःख दोनो ही वह खुद ही समझ सकता है।।

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6 OCT 2022 AT 20:38

परिवार मे खुले विचारों वाला, हँस मुख, ज्यादा बोलने वाला और हर समय हँसी मजाक करने वाले इंसान को मुर्ख, नासमझ और पागल (गेलो-बावले) की इत्यादि उपाधियों से नवाजा जाता है।

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2 OCT 2022 AT 0:45

परिवार में हमसे छोटे है उनके साथ हमेशा मान मर्यादा के साथ खुले विचारों होना चाहिए।

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6 APR 2022 AT 11:17

कभी-कभी थोड़ा खुद मुस्करा और हंस कर ओरो को भी हसा देना चाहिए।

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24 MAR 2022 AT 2:38

बेवजह हर समय हर कुछ बोल के अपनी ऊर्जा खत्म करने से अच्छा है, चुपी साध के मोन धारण कर लेना चाहिए।

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7 OCT 2019 AT 11:03

अमर शहीद राजेन्द्र सिंह जी भाटी।
निज सौणी (कोम) पिला, पावन किया जिसने,
जैसल धरा की माटी को,
मैं नमन करती हूँ उस रजिन्द्र सिंह जी भाटी की।

28 सितबंर को जब दुश्मन ने धावा बोल दिया,
कूद पड़ा वो जंग में बिना परवाह किये जीने-मरने की।
था उसे निभाना, अपने बलिदानी की परीपाटी की,
मैं नमन करती हैं..............
शत्रु के छक्के छुड़ा डाले, ऐसा वो हिम्मतवाला था,
नही फ़िक्र जिसे मौत की, ऐसा वो मतवाला था।
3 रेन्जर्स की कब्र बना दी, जिसने कश्मीर की घाटी को,
मैं नमन करती हैं..............
वीरगति या विजय भावना थी उसके मन की,
रजपूती खून दौड़ा रहा था, रग-रग मे जिसके।
जान लूटा दी अपनी भारत माँ की माटी के वास्ते,
ऐसा वो देशप्रेम का दिवाना था,
खून बहा के अपना, जिसने स्वर्ग बना दिया कश्मीर की धाटी को
मैं नमन करती हैं..............
अपनी वीरागंना की चुड़िया खनकती छोड़ गया वो,
नन्हें बेटे की चहकता छोड़ गया था वो।
दादी की बाँहो की तरसता छोड़ गया वो,
अगली छुट्टी में घर की छत बनवाने के वादे छोड़ गया वो,
लिपट गया भारत माँ की बाँहो में, मिट्टी की लाज बचाने को,
मैं नमन करती हैं..............
पीठ नही दिखाई जिसने, सीने पे गोली खाई थी,
जिसे लेने डोली विधाता की स्वर्ग से आई थी,
28 सितबर को सहादत दी जिसने, छूने नही दिया माटी को
मैं नमन करती हैं..............

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9 DEC 2021 AT 13:25

हमारी कभी कबार वाली हंसी, दूसरे इंसान को गुस्सा दिला देती है।

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29 NOV 2021 AT 23:44

जिंगदी में एक मोड़ आता है।
जहां सावधानी से कदम भरने पड़ते है।।

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