भड़ास नहीं निकालनी है !
ठन्डे दिमाग से सोचना है !
गलतियां हो सकती हैं।
हम कहीं अटक सकते हैं।
हम कहीं भटक सकते हैं।
फिर से लौट कर शुरू करेंगे।
गलतियां हमारी पूंजी हैं !
फिर उन्हीं से नए रास्ते निकलेंगे।
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आप जिस किसी से प्यार करते हो
उसकी ख़ूबसूरती को अपने काम में भी झलकने दो
~ रूमी ~-
जो
अकेले नहीं रहते कभी
उन्हें क्या पता
कि चुप्पी हो सकती है
किसी के लिए
कितनी भयावह,
कैसे कोई
ख़ुद से ही करता है
वार्तालाप
कैसे कोई
दौड़ लगाता है
आईनों की ओर,
किसी अस्तित्व के लिए
तड़प के मायने,
नहीं जानते वे,
नहीं, बिल्कुल नहीं..
~ओरहान वेली~
(अनुवाद: सिद्धेश्वर सिंह)-
प्रेम में मुझे बड़ी आशा है !
एक दिन नफरत के तमाम सौदागरों को हम प्रेम से समझा के ले आएंगे वापस हमारे ही बीच ! एक दिन इन सबको जो आज नफरत की खेती के बीज बो रहे हैं, जब नफरत में आकंठ डूब चुके होंगे, तब उन्हें हमारे प्रेम की जरूरत पड़ेगी.. जरूर पड़ेगी ।
मैंने तो उस दिन के लिए खुद में प्रेम को अब से ही बचाकर रखना शुरू कर दिया है ! हो सके तो आप भी खुद में प्रेम को बचा कर रखना शुरू करें ठीक वैसे..जैसे छोटे बच्चे अपने गुल्लक में एक एक पैसे बचाकर रखते हैं !-
If I'm fair to people around me.
Only than I can be fair to myself.
Being fair is painful but I try to be.-
सुनो,
जब लगे दूरियाँ ज्यादा.....
आंखें बंद कर
मुझे आवाज देना.....
मिलूंगा उसी पल
आंसू बनके........
जीवन के अहसासों में,
हां, बस तुम मुझे थाम लेना.......!!-
True Earning is not how much wealth you make.
How many person in your circle share their deepest moment of sadness/happiness/pain/joy in life with you, is your real earning.
Think once ! have you earned something besides wealth ?-
ग्लोबल एयर रिपोर्ट 2019 के अनुसार
सिर्फ 2017 में दुनियाभर में वायु प्रदूषण से सम्बंधित 50 लाख मौतों में से 15 लाख मौतें इंडिया पाकिस्तान नेपाल बांग्लादेश में हुई हैं !
फिर भी 10-12 लाख आदिवासी परिवारों को जंगलों से बेदखल किये जाने के आदेश पर सरकार ने कोई चिंता जाहिर नहीं की !
आदिवासी नहीं बचेंगे तो जंगल नहीं बचेंगे !
जंगल नहीं बचेंगे तो आप हम कोई नहीं बचेंगे !!
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अच्छा लगता है !
जब जनता नेताओं से बेझिझक होकर सवाल करके उनके मसीहापने को कड़ी चुनौती देती है !
यह बदलाव की छोटी सी शुरुआत है !-
सुनो !
इधर अपने बाहर गाम में होने वाली छोटी मोटी रैली में भी उधर दिल्ली में बैठे हाईकमान की जयकार लगाने वाला नेता आपका नहीं दिल्ली वाले आकाओं का गुलाम है !
आपसे जयकारा लगवाकर आपको भी आका का गुलाम बना लेने का संदेश आकाओं तक पहुंचा रहा है !
क्या आप वाकई गुलाम हैं ?
सोचो !-