हँसी आती है इनकी हरकतों पर, जो बिना बात के इतना गुमान रहा,
ये दुनिया मासूम बनि फिरती है, में अकेला इतना बदनाम रहा।
हर जमाने को इतनी समझ है आखिर कौन है जिसका ज़िंदा नाम रहा।
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थोड़ा चीख लेने दो वरना मर ज... read more
आज ख़ुश हु अपनी मौजूदगी में ,मेरा मिजाज अब बदल रहा,
पहले करता था परायो से मशवरा ज़िन्दगी का,अब हु की संभल रहा।
कोई समझाईश न दी लोगो ने कभी, जो दी थी वो अब है अखर रहा।
वक़्त क्या है कोन जानता है, बिता वक़्त मेरा जो मीठा जहर रहा।
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उलझने कई है, रास्ते कई है,
मैं उलझ जाऊं ज़िन्दगी तो सुलझने कई है।
तू चलता रह चाल ए मुसाफ़िर
सफर कई है, तो मंजिले कई है।-
कोई नगमे सुनाओ जिंदगी के, जमाने की आवाज ने बहरा कर दिया मुझे।
मै खुद को तलाशने निकला हु ज़िन्दगी, में मिला तो खुद ने पराया कर दिया मुझे।-
में निक्कल पड़ा हु अपनी राह, न है अब कोई चाह,
में खुद को खुद से ढूंढ लूंगा,न गैरो की कभी सुन लूंगा।
अब अपना मुकाम बनाना है, खुद को खुद से ही हराना है,
कैसे जीतूंगा ये अपनी जंग, अपनी नजरो को दिखाना है।
वक़्त नही है अब मेरे पास, अपनी किस्मत बनाना है,
बहोत हो गयी दुनिया की, अब खुद हुकूमत चलना है।
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मुकम्मल गमो की अब वो बरसात न रही, बिते हुए सफर की अब वो रात न रही।
गम को गुम करते करते खुद ही गुम हो गए ,फिर करु सफर की शुरुआत अब वो बात न रही।-
कोई कह दे उनसे जो मुझपे सवाल करते है,
बेमतलब का मुझसे बवाल करते है,
में उनकी समझ से कही दूर जा कर बैठा हु, जो मुझसे मिलने का मलाल करते है-
कोई खाक सोचता है मेरे बारे, कोई बेहिसाब सोचता है,
ये ज़िन्दगी भर के मसले है जनाब, एक मे हु जो पूरी रात सोचता है।-
दर बदर की उलझन बची, थोड़ी शाम तो थोड़ी सुबह बची।
न हिस्से में मेरे खुशियां आयी न मुक्कमल मोहब्बत बची।
पूरी उम्र तो जिम्मेदारियां ले गयी ज़िन्दगी, अब न जिंदगी बची न उम्र बची।
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वो मुझसे झूठ पे झूठ बोलता रहा, में हा में हा मिलाता रहा।
में जान के अनदेखा करता रहा, वो बेशर्मी से जहर पिलाता रहा।
इस इश्क़ में बश पे मेरा बश न रहा, में जिंदगी को तरसता रहा, वो कई मौतें मेरी गिनाता रहा।-