काश तेरे प्याले का चाय होता!
मुझे चूमकर
तुझे गर्माहट मिलती,
और मुझे ठंडक..!-
चाह यही की आंख खुले,एक सुंदर सा कल आए
चाह यही की हर घर मै शाम का चूल्हा जल जाए
चाह यही की दुनिया भर की सब बलाए टल जाए
चाह यही की हस्ते- हस्ते गोद का बच्चा पल जाए-
क्यूं रहते हो मायूस बेवजह, मर्ज क्या है?
कभी यूंही मुस्कुराया करो, हर्ज क्या है..!!-
सपनो मै ही अपनी मुलाक़ात होगी
ऐसे ही लगता है अपनी बात होगी
बादलों से मेरी अच्छी दोस्ती है
रिमझिम - रिमझिम करके बरसात होगी...
आसमान मै बैठकर बस तुझको देखूंगा
रोशनी करने को घर में तारे भेजूंगा
याराना है यार अपनी चांद से भी
चांदनी के जरिए आकर तुझको छूलूंगा...
ऐसी हालत देख के तेरी दिल ये रोता है
ना जाने क्यों प्यार मै अक्सर ऐसा होता है
दिल अपना मासूम है ये कुछ भी जाने ना
कौन बताए सपना तो सपना ही होता है...
मै नहीं तो ना सही पर तुझको रहना है
जीवन का है काम यही बस चलते रहना है
चित्र बनाया था खुशियों का हमने जो मिलकर
धीरे - धीरे रंग सजा कर तुझको भरना है...
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ये बेरुखी क्या होती है
ज़रा दिसंबर से पूछो!
लोग खुशियां तो मानते है
पर जनवरी के लिए..!!-
किसी को दौड़ते देखा
किसी को चलते देखा है
खुले आकाश के नीचे
जान को पलते देखा है
भरी बरसात मै भी तो
दिए को जलते देखा है
जीरो सेल्सियस मै भी
बर्फ को गलते देखा है
तू इतना क्यों इतरता है
वक़्त जल्दी बदलता है
सेठों ओर नवाबों के
हाथ को मलते देखा है-
कभी कोई शाम ढलेगी और रात आयेगी
जुबां पे तब कोई पुरानी बात आयेगी
बुलाकर उसके सहेलियों को मैंने कहा
कह देना, उसको लेने मेरी ही बारात आयेगी..!-
हर इक बात पे कमाल किया उसने
जब भी मिली बेहूदा सवाल किया उसने।
सख्त हिदायत थी की सिर्फ सच बोलू
जुबां खोली तो आंखो को लाल किया उसने ।-
लोगों को छोड़ बस खुद पर यकीन कर,
अपना जेब ना भरना किसी से छीनकर,
आज गर्दिश मै है अगर तो सब्र कर,
ज़िन्दगी तेरा सब हिसाब करेगी गिन - गिन कर..!-
कोई मुझसे झूठी मोहब्बत करलो,
मुझे अपना दिल जलाना है।
चलो जंगलों को साफ करे,
एक नया शहर बसाना है।
मशरूफ रहे मेरा घर मेरे बाद भी,
जीते जी बस इतना कमाना है।
उम्र बीत जाएगी यूंही किसी की तमन्ना मै,
वक़्त कम है ओर अपनों को मनाना है...।-