चर्चे बहुत है तेरे और मेरे , शहर में
बस तुम तक ये शोर पहुँच ना पाया ।।।।।-
ज़रूरी नहीं मेरा हल्ला करके बताना तुझे हर बार ,
मेरी ख़ामोशी बया करेगी परवाह है मुझे तेरी ।।।।।-
की मसला यूँही बड़ा हो गया
तेरी एक हँसी के चक्कर में
सारे मोहल्ले से मेरा झगड़ा हो गया !!!!
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फिर छत से इशारा करना है
इस दिल को आवारा करना है
मुझे वो गली वाला प्यार
दोबारा करना है !!!!!!!-
खवाइशे ज़िंदगी बस इतनी है
वो लोग जो छूट गये, रास्तों में फिर मिल ज़ाए ।।।-
बेशक दस्तक देता ऐ ख़ुदा तेरे दर पर में ,
पर तेरी ये दे कर छीन लेने की आदत मुझे मंज़ूर नहीं ।।।-
तु कहानी नहीं किससे बना ....।।।।
क्यूँकि कहानिया सिर्फ़ सुनायी जाती है
और किससे याद दिलाएँ जाते है ।।।।
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कलाकार और किसान में फ़रक नहीं है ....!!!!
कलाकार कलम चलाता है, और हमें तस्वीर दिखती है ।।
किसान हल चलाता है और हमें रोटी मिलती है ।।
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ऐ वक़्त सुना है तू बदलता है
मेरा वक़्त आने पर तू ये बात क्यू भूलता है ।।।
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