Haqeeqat Zindagi Ki ✔   (Haqeeqat zindagi ki)
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Bio को छोड़ो
Pinned गज़ल पढ़ो
और अच्छी लगे तो बताना
Jitendra ji(haqeeqat zindagi ki)
Joined 22 May 2019


Bio को छोड़ो
Pinned गज़ल पढ़ो
और अच्छी लगे तो बताना
Jitendra ji(haqeeqat zindagi ki)
Joined 22 May 2019
17 FEB 2022 AT 9:34

जो न सुना था हमने वो भी कहा उसने
बिछड़े वो जब हमसे सॉरी कहा उसने।

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28 AUG 2021 AT 23:10

कोई एक शख्स तो बनाता खुदा
जो मेरी हर बात को समझ पाता

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28 AUG 2021 AT 0:38

जिंदगी को जितना समझोगे उतनी दिलचस्प लगेगी और जो कुछ भी जिंदगी से सीखने को मिलेगा वो कहीं नहीं मिलेगा

हर पल के मजे लो
हर दिन के मजे लो
बुरा है ग़र वक़्त तो
उसके भी मजे लो

य़ह जीवन महज संघर्ष है मेरे दोस्त कभी रुकना नहीं
पथ में होती है बाधा बहुत झुकना नहीं रुकना नहीं।

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21 AUG 2021 AT 0:03

इश्क़
किसी की नजर में सही तो
किसी नजर में य़ह बुराई है
किसी को वफा मिली तो
मिली किसी को बेवफाई है।

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29 OCT 2019 AT 22:31

दवा बन जाता ज़ख्मों की में उसकेx2
उसे कोई मर्ज है उसने कहा नहीं
लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं..
तेरे जैसा कोई हमको मिला नहीं...

अगर मिलता खुदा तो पूछता मेंx2
जो मेरा था वो मेरा क्यु हुआ नहीं
लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं...

कहूँ कैसे कि झूठा था तू यारां x2
कभी धोका मुझे तूने दिया नहीं
लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं...

तेरे अल्फाज दिल में ऐसे बेठे x2
जलाया खत मगर कोई खत जला नहीं
लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं..

बहुत मेहनत से मंदिर था बनाया x2
मगर कोई खुदा मुझको मिला नहीं
लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं..

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16 OCT 2019 AT 23:08

चले आओ -गज़ल
हमे भी मिलना है तुमसे चले आओ चले आओ
हमे भी बातें करना है चले आओ चले आओ।।
तुम्हारी याद आती है x2
हमे कितना सताती है x2
हमारी जान बनकर के चले आओ चले आओ

तुम्हारे देखकर सपने x2
मे उठकर बेठ जाता हूँ x2
हमारी नींद बनकर के चले आओ चले आओ

अभी दिखते नहीं हो तुम x2
अभी बेचैन हू में बहुत x2
हमारा चैन बनकर के चले आओ चले आओ

सफर लंबा तो है लेकिन x2
तेरे संग चल तो लूँगा में x2
हमारी राह बनकर के चले आओ चले आओ
हमारी चाह बनकर के चले आओ चले आओ

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30 SEP 2019 AT 11:36

न जाने कितनी पीड़ा सही होगी राधा ने
महज यूँ ही तो लोग राधेश्याम नहीं कहते

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16 OCT 2021 AT 10:31

करके कत्ल प्यार का हथियार ढूंढते है
मारकर खुद प्यार को फिर प्यार ढूंढते हैं।

ये मोहब्बत थी या जंग इतना तो समझाते
दिल को ज़ख्मी करने को तलवार ढूंढते हैं।।

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21 AUG 2021 AT 0:09

मोहब्बत हम भी कर लेंगे
मगर कोई रास तो आए।

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20 AUG 2021 AT 23:56

इश्क को इश्क़ ही रहने दे तो अच्छा है
इन्सां को खुदा न बनाए तो अच्छा है।

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