जो न सुना था हमने वो भी कहा उसने
बिछड़े वो जब हमसे सॉरी कहा उसने।-
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और अच्छी लगे तो बताना
Jitendra ji(haqeeqat zindagi ki)
जिंदगी को जितना समझोगे उतनी दिलचस्प लगेगी और जो कुछ भी जिंदगी से सीखने को मिलेगा वो कहीं नहीं मिलेगा
हर पल के मजे लो
हर दिन के मजे लो
बुरा है ग़र वक़्त तो
उसके भी मजे लो
य़ह जीवन महज संघर्ष है मेरे दोस्त कभी रुकना नहीं
पथ में होती है बाधा बहुत झुकना नहीं रुकना नहीं।-
इश्क़
किसी की नजर में सही तो
किसी नजर में य़ह बुराई है
किसी को वफा मिली तो
मिली किसी को बेवफाई है।-
दवा बन जाता ज़ख्मों की में उसकेx2
उसे कोई मर्ज है उसने कहा नहीं
लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं..
तेरे जैसा कोई हमको मिला नहीं...
अगर मिलता खुदा तो पूछता मेंx2
जो मेरा था वो मेरा क्यु हुआ नहीं
लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं...
कहूँ कैसे कि झूठा था तू यारां x2
कभी धोका मुझे तूने दिया नहीं
लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं...
तेरे अल्फाज दिल में ऐसे बेठे x2
जलाया खत मगर कोई खत जला नहीं
लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं..
बहुत मेहनत से मंदिर था बनाया x2
मगर कोई खुदा मुझको मिला नहीं
लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं..-
चले आओ -गज़ल
हमे भी मिलना है तुमसे चले आओ चले आओ
हमे भी बातें करना है चले आओ चले आओ।।
तुम्हारी याद आती है x2
हमे कितना सताती है x2
हमारी जान बनकर के चले आओ चले आओ
तुम्हारे देखकर सपने x2
मे उठकर बेठ जाता हूँ x2
हमारी नींद बनकर के चले आओ चले आओ
अभी दिखते नहीं हो तुम x2
अभी बेचैन हू में बहुत x2
हमारा चैन बनकर के चले आओ चले आओ
सफर लंबा तो है लेकिन x2
तेरे संग चल तो लूँगा में x2
हमारी राह बनकर के चले आओ चले आओ
हमारी चाह बनकर के चले आओ चले आओ
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न जाने कितनी पीड़ा सही होगी राधा ने
महज यूँ ही तो लोग राधेश्याम नहीं कहते-
करके कत्ल प्यार का हथियार ढूंढते है
मारकर खुद प्यार को फिर प्यार ढूंढते हैं।
ये मोहब्बत थी या जंग इतना तो समझाते
दिल को ज़ख्मी करने को तलवार ढूंढते हैं।।-
इश्क को इश्क़ ही रहने दे तो अच्छा है
इन्सां को खुदा न बनाए तो अच्छा है।-