बसंत आया है पतझड़ की गुहार के बादये फूल याद आयेंगे मौसम-ए-बहार के बादये हवाएं रूठ के बैठी थी गहरी वादियों मेंयह चलने लगेगी फाल्गुन की पुकार के बादचांद को बड़ा गुरूर था अपनी खूबसूरती परयह भी शरमा गया सरसों के श्रृंगार के बादक्या पाओगे जुगनूओं से मोहब्बत करकेरोशनी तो आएगी अंधेरों पर वार के बाद— % & -
बसंत आया है पतझड़ की गुहार के बादये फूल याद आयेंगे मौसम-ए-बहार के बादये हवाएं रूठ के बैठी थी गहरी वादियों मेंयह चलने लगेगी फाल्गुन की पुकार के बादचांद को बड़ा गुरूर था अपनी खूबसूरती परयह भी शरमा गया सरसों के श्रृंगार के बादक्या पाओगे जुगनूओं से मोहब्बत करकेरोशनी तो आएगी अंधेरों पर वार के बाद— % &
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यहां हर शख्स की शान तिरंगा है, हिन्द-ए-वतन की पहचान तिरंगा है।।(HAPPY INDEPENDENCE DAY) -
यहां हर शख्स की शान तिरंगा है, हिन्द-ए-वतन की पहचान तिरंगा है।।(HAPPY INDEPENDENCE DAY)
आसमां में चांद निकला तो तारों ने नुमाइश छोड़ दीसमंदर में पानी क्या सूखा शफरी ने रिहाईश छोड़ दीज़रा सा ख़ामोश क्या हुआ ज़माने का ज़मीर देखकरलोग सोच रहे हैं कि मैंने जीने की ख्वाहिश छोड़ दी -
आसमां में चांद निकला तो तारों ने नुमाइश छोड़ दीसमंदर में पानी क्या सूखा शफरी ने रिहाईश छोड़ दीज़रा सा ख़ामोश क्या हुआ ज़माने का ज़मीर देखकरलोग सोच रहे हैं कि मैंने जीने की ख्वाहिश छोड़ दी
सोचता हूं दिल के कुछ राज लिखूंअपनी क़लम से नए आगाज़ लिखूंऔरों के जैसे ही बहते हैं मेरे आंसूक्या अब मैं रोने की नई राग लिखूंख़ूब कर दी तारीफ अंधेरी रातों कीअब तो कोई चमकता चराग़ लिखूंमेरा जमीर कहता है कि मैं सच कहूंफिर उजड़े चमन को कैसे बाग लिखूं -
सोचता हूं दिल के कुछ राज लिखूंअपनी क़लम से नए आगाज़ लिखूंऔरों के जैसे ही बहते हैं मेरे आंसूक्या अब मैं रोने की नई राग लिखूंख़ूब कर दी तारीफ अंधेरी रातों कीअब तो कोई चमकता चराग़ लिखूंमेरा जमीर कहता है कि मैं सच कहूंफिर उजड़े चमन को कैसे बाग लिखूं
सरकार मदारी और छात्र बंदरिया हैये दुनिया देखने का मेरा नजरिया हैक्योंकि परीक्षा स्थगित और छात्र खुश हो रहे हैं -
सरकार मदारी और छात्र बंदरिया हैये दुनिया देखने का मेरा नजरिया हैक्योंकि परीक्षा स्थगित और छात्र खुश हो रहे हैं
तेरी तो हर मुस्कान मुझे रूमानी लगती हैतू ख्वाबों में आए तो खूब नूरानी लगती हैकई बार गुज़रा हूं तेरी जुल्फों की घटा सेतेरे बदन की खुशबू बड़ी सुहानी लगती हैमैंने अपने दिल की किताब में पढ़ा है तुझेतू मेरे इश्क को समेटती कहानी लगती है -
तेरी तो हर मुस्कान मुझे रूमानी लगती हैतू ख्वाबों में आए तो खूब नूरानी लगती हैकई बार गुज़रा हूं तेरी जुल्फों की घटा सेतेरे बदन की खुशबू बड़ी सुहानी लगती हैमैंने अपने दिल की किताब में पढ़ा है तुझेतू मेरे इश्क को समेटती कहानी लगती है
आशिकी छोड़ दी है तुने कमाल है 'हंस'पर ये आंखों में क्या लाल-लाल है 'हंस'एक याद आज भी है उसकी दिल मेंबता तो ज़रा वो कितनी ज़माल है 'हंस' -
आशिकी छोड़ दी है तुने कमाल है 'हंस'पर ये आंखों में क्या लाल-लाल है 'हंस'एक याद आज भी है उसकी दिल मेंबता तो ज़रा वो कितनी ज़माल है 'हंस'
सिर्फ कागजों में ही नहीं सड़कों पर इंकलाब चाहिएसत्ता की गंदगी हटाने को नदियां नहीं सैलाब चाहिएबहुत हुआ सत्ता के गलियारों में ये खेल गद्दारी कामेरे यार अब तो होना इन गद्दारों का हिसाब चाहिए -
सिर्फ कागजों में ही नहीं सड़कों पर इंकलाब चाहिएसत्ता की गंदगी हटाने को नदियां नहीं सैलाब चाहिएबहुत हुआ सत्ता के गलियारों में ये खेल गद्दारी कामेरे यार अब तो होना इन गद्दारों का हिसाब चाहिए
अब मैं अपनी मायूसी की कहानी नहीं लिखताऔर जो बीत गई है वो जवानी नहीं लिखतालंबी जुदाई के बाद आई है इन लबों पे हंसीमेरे यार अब मैं आंखों का पानी नहीं लिखता -
अब मैं अपनी मायूसी की कहानी नहीं लिखताऔर जो बीत गई है वो जवानी नहीं लिखतालंबी जुदाई के बाद आई है इन लबों पे हंसीमेरे यार अब मैं आंखों का पानी नहीं लिखता
दुआएं रोज मांगता हूं तुझे भूल जाने कीमगर एक चाहत आज भी है तुझे पाने कीकई फायदे बताये है चराग को फानूस के मेरे यार ये शमा कहां सुनती है परवाने की -
दुआएं रोज मांगता हूं तुझे भूल जाने कीमगर एक चाहत आज भी है तुझे पाने कीकई फायदे बताये है चराग को फानूस के मेरे यार ये शमा कहां सुनती है परवाने की