Hamida F. Kader (Kagzi)  
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(KAGZI )
world record holder in world's biggest hindi e magazine.
Joined 27 March 2017


(KAGZI )
world record holder in world's biggest hindi e magazine.
Joined 27 March 2017
16 MAY AT 14:19

चले थे मंज़िल की चाह में,
पहुंच ही न पाए उस तक तो
राह में ही मिल गए वह साथी कि,
सफर क्या और मंजिंल क्या?

Chale the manzil ki chah mey,
pahunch hi na pae us tak to
Rah mey hi mil gae woh sathi ke
,safar kya aur manzil kya?

چلے تھے منزل کی چاہ میں،
پہنچ ہی نہ پائے اس تک تو
راہ میں ہی مل گئے وہ ساتھی
کہ ،سفر کیا اور
منزل کیا؟

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19 FEB AT 19:36

सख़्ती जो इब्ने आदम से क़ुदरत न करती

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Fir se dil tootne ka saman inayat hoga
Aj fir woh kehte hey samajhdar ho tum,
Ta'alluq jinka tha kashti ko dubone me wahi
De rahe tohmat, nakhuda ke gunahgar ho tum.




फिर से दिल टूटने का सामान इनायत होगा
आज फिर वह कहते हैं समझदार हो तुम,
तअल्लुक जिनका था कश्ती को डुबोने में वही
दे रहे तोहमत नाख़ुदा के गुनहगार हो तुम.

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30 JAN AT 18:19

Mercury element,shiny but toxic.





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13 DEC 2024 AT 17:37

Get caught stealing a piece of roti




Looting trillions of rupees in form of bank loans and enjoy life.

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9 DEC 2024 AT 22:47

यह दुनिया है मेरे याराँ
यहाँ बस धूम शोहरत की
यहाँ दौलत ही इज़्ज़त है.
तू आँसू रखना पोशीदा
कि इसके बाहर आते ही
अपने भी मुँह छुपा लेंगे.
राहें पथरीली मंज़िल हो दूर
पर शिक्वा लब पर न लाना
दु:ख को दिल में दफना देना.
होंठों पे होगी मुस्कान तो
ग़ैर भी अपने हो जाऐंगे
यह दुनिया हैं मेरे याराँ

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25 NOV 2024 AT 12:27

खुल रही थी परत दर परत
मेरे मन की गांठें
चाह रहा था कुछ न बताऊं
मैं चुप हो जाऊं.
मन की बातें
मन ही जाने
इक ज़रा सी तसल्ली पा कर
बरसों की बेवफाई भूल गया
आज अचानक वह क्या मिले
जैसे मॄगत्रष्णा को तपती दोपहर में
ठंडी फुहार मिल गई.

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25 NOV 2024 AT 9:55

Mortal, still human is materialistic.

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23 NOV 2024 AT 19:37

हज़ारों फ़ूल, हज़ारों रंग और सब की अलग ख़ुश्बू
चमन की ख़ुशनुमाई तो इसी से ही झलकती हैं.

एक ही नस्ल से क्या ख़ाक बहार रहनी हैं.

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22 NOV 2024 AT 19:36

सुनो!
तुम सब
लड़ते क्यूँ हो?
मार-पीट हल्ला -दंगा
यह कहाँ की सभ्यता हैं ?
हमारी पहचान अनेकता में एकता है.
अपनी पहचान विश्व यटल पर क़ाएम रखो
जात - पात नहीं बंधुत्व की मर्यादा दाएम रखो.

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