Haider Abbas   (हैदर सेंथली)
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Joined 20 August 2019


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7 OCT 2022 AT 19:29

मुझे ख़त से हैदर निकल कर उठा लो
तुम्हें पढ़ते पढ़ते बिखरने लगी हूँ |

مجھے خط سے حیدر نکل کر اٹھا لو
تمہیں پڑھتے پڑھتے بکھرنے لگی ہوں

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14 MAY 2022 AT 22:15

जैसे चाहो मुझे बुला लेना,
मैं तुम्हारा हूँ लौट आऊँगा|

جیسے چاہو مجھے بلا لینا
میں تمہارا ہوں لوٹ آؤں گا

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5 FEB 2022 AT 21:00

उसका जी चाहे तो जी भर के रुला ले मुझको
छोड़ के जाए न यादों के हवाले मुझको

वैसे दीवार पे सब ने ही मुझे टाँगा है,
कोई तस्वीर से आकर भी निकाले मुझको।

घर में सामान सभी बिखरा हुआ पाओगे,
कोई रहता ही नही कौन संभाले मुझको ।

उसकी मर्ज़ी में है जब चाहे निकाले दिल से,
उसकी मर्ज़ी है कि जब चाहें बुला ले मुझको।

बात करने का कोई उससे बहाना ढूँडू
क्या ख़बर हाथ की तक़दीर बना ले मुझको?

मैं तो वो हूँ जो अँधेरों में जिया करता हूँ,
रास आते ही नही शब के उजाले मुझको ।

उम्र भर सोचा था हैदर कि सफ़र करता रहूँ,
चलने देते ही नही पाँव के छाले मुझको

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4 FEB 2022 AT 13:14

दिल के अरमानों को दरिया में बहा कर रोए।
तेरी तस्वीर को हाथों से जला कर रोए।

उसकी मर्ज़ी है किसी रोज़ जला दे मुझको,
उसकी मर्ज़ी है किसी रोज़ बुझा कर रोए ।

उससे कहना मिरी तस्वीर के टुकड़े न करें,
मेरी तस्वीर को सीने से लगा कर रोए।

मेरे काँधे पे जो सर रख के हँसा करते थे,
आज हाथों पे वो मेंहदीं को लगा कर रोए।

लोग कहते हैं वो परदेस में अच्छे हैं बहुत,
जाने क्यूँ आज मिरे ख़्वाब में आ कर रोए।

बाद जाने के तिरे फिर नही आँसू निकले,
जितना रोए तेरी डोली को उठा कर रोए।

बे-वफ़ा तुम न कभी मुझको समझना हैदर,
आख़री बार यही बात जता कर रोए।

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28 JAN 2022 AT 19:44

बुलाता है उसे आँगन जहाँ पर खेलती थी वो
पड़ा है आज भी सूना जो आँगन छोड़ आई है

بلاتا ہے اسے آنگن جہاں پر کھیلتی تھی وہ
پڑا ہے آج بھی سونا جو آنگن چھوڑ آئی ہے

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14 DEC 2021 AT 21:10

यूँ ही किसी को इश्क़ नही होता हैदर,
दिल से दिल में आग लगाना पड़ती है ।

یوں ہی کسی کو عشق نہیں ہوتا حیدر'
دل سے دل میں آگ لگانا پڑتی ہے -

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10 DEC 2021 AT 23:29

सफ़र में साथ मिरे हादसे बहुत होते,
दुआएँ मेरे लिए माँ अगर नही करती ।

سفر میں ساتھ مرے حادثے بہت ہوتے
دعائیں میرے لیے ماں اگر نہیں کرتی

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6 DEC 2021 AT 22:54

आज जब पूछ रहे हो तो बता देता हूँ,
वैसे कहता तो नही याद बहुत आती है ।

آج جب پوچھ رہے ہو تو بتا دیتا ہوں
ویسے کہتا تو نہیں یاد بہت آتی ہے

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9 MAY 2021 AT 12:54

लिपटे हुए कफ़न में नज़र आ रहे हैं लोग,
अपनी नज़र उठा के जिधर देखता हूँ मैं !

لپٹے ہوئے کفن میں نظر آ رہے ہیں لوگ،
اپنی نظر اٹھا کے جدھر دیکھتا ہوں میں !

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30 APR 2021 AT 11:38

तेरी पलकों के इशारे मुझे देते हैं ख़बर,
मेरी तस्वीर तिरे दिल में लगी हो जैसे !

تیری پلکوں کے اشارے مجھے دیتے ہیں خبر
میری تصویر ترے دل میں لگی ہو جیسے-

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