हमने उस चौराहे के
ना जाने कितने चक्कर
लगाए,
लेकिन तेरा लौट आना
उतना ही मुश्किल था
जितना तुफानो मे
किसी दिये का
जलते रहना....-
Haidar Khan
(अल्फ़ाज़े_बयां.)
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ख़ामोशी सभी सवालों का जवाब.... ✍️✍️
Joined 8 March 2020
3 AUG AT 20:51
3 AUG AT 20:46
अब तुझे नसीब नही होगी
नही चमक सकेगा अब
तेरे आँचल मे मेरा प्रेम,
कैसे इस अँधेरे से लिपट
कर मै ज़ार ज़ार हो
रहा हूं.....
अनगिनत बातें जो तुझसे
करनी थी.....-
3 AUG AT 20:43
बार बार कोशिश के
बाद मै दिखा ना सका
तुझे अपने मन का
वो छिपा हुआ प्रेम
जो अब कभी चमक
ना सकेगा, दूर अंधेरों
मे कहीं खुद को तलाश
रहा हूं....-
30 JUL AT 23:44
की गमों की सीढ़िया
चढ़ते चढ़ते इतने दूर
आ जायेंगे की जमीं
अब नज़र ना आएगी..-
29 JUL AT 0:20
अपनी आँखों में भर कर ले जाने हैं,
मुझको उसके आँसू काम में लाने हैं
देखो हम कोई वहशी नहीं, दीवाने हैं
तुमसे बटन खुलवाने नहीं, लगवाने हैं
हम तुम इक दूजे की सीढ़ी हैं जानाँ
बाक़ी दुनिया तो साँपों के खाने हैं
पाक़ीज़ा चीज़ों को पाक़ीज़ा लिखो
मत लिखो उसकी आँखें मयखाने हैं
वरुण आनंद जी....-