चाहत में तेरी मग़रूर हूँ बस एक टक चला आ रहा हूँ,,,
तेरे इंतज़ार का एहसास मुझे भी तरसा रहा है,,
और उस एहसास में भी तड़पते हुए चला जा रहा हूँ
देर से ही सही पर दुरुस्त आ रहा हूँ
तेरे दामन की ख्वाहिशों को बाहों में लिए
इन राहों में चला आ रहा हूँ।
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चाह सबकी है, मसला हो हल, दोस्तो !
कोई करता नहीं है पहल, दोस्तो !
"श्याम कश्यप बेचैन "-
ये दुनिया इतनी मतलबी हो चली है जितनी पहले ना थी कभी
लोग मुस्करा कर मिलते है कुछ ऐेसे, जैसे बड़े करीबी हों सभी-
हाँ ठीक है मैंने बुलाया था तब तुम आये थे
पर यूँ अधर ऐसे में छोड़ जाना क्या ठीक है!!-
जो वादा किया है खुद से वो बता नही सकते
जिंदगी में किसी और को अपना बना नही सकते
इक़रार, इश्क़, प्यार, मोह्ब्बत सब को होता है
पर बुज़दिल वो है जो ये बात नही सकतें।-
ना जाने क्या असर हुआ है इश्क़ का मुझपर
सो जाऊं तो जगा जाती है
जाग जाऊं तो सुलाने की कोशिशें
करती है शरारत तेरे इश्क़ की
खोया खोया सा मैं रहता था पहले हरदम
तुम्हारे इश्क ने और थोड़ा उलझा दिया
धीरे धीरे अब मुझे सुलझाने की कोशिशें
करती है शरारत तेरे इश्क की
दूर हो गया था जिनसे मैं पहले कभी
जो वजह थी आज फिर वही
नजदीकियाँ बढ़ाने की कोशिशें
करती है शरारत तेरे इश्क़ की।-
खुशियाँ महक जाती है एक चाय के प्याले के साथ
खुशबू बहकर रसोई से जब आये,वो शाम का इशारा है
वैसे तो हर शाम आती है चाय हर रोज बनाई जाती है
जब बारिश, तुम और चाय साथ आये,वो शाम का इशारा है।-
हर बार जाकर वहाँ मैं रुक जाता हूं
पत्ते टूटे हों या बिखरे समेट आता हूं
हाँ उस राह पर मुझे जाने दो वहाँ
जहां पत्ते ना टूटे हो ना बिखरे हो जहाँ-
कभी कभी वो पागल सी अनसुलझी सी लगती है
बेहिसाब बातूनी और साथ मे प्यारी भी लगती है
जिद तो उसके स्वभाव में पहले से ही है
बहन है वो मेरी उसकी हर शरारत अपनी सी लगती है।-
गीत गाये उसने, सुने कुछ हमने भी थे
दर्द इतना था उनमे, आँसू छलके अपने भी थे।-