ये घुटन कैसी है
ये शिकन कैसी है
सांसे भी भारी लगने लगी
जीवन की ये दशा कैसी है।
है सोच कुछ इस मन में
है बोझ कुछ जेहन में
क्या हूं मैं, मेरा वजूद क्या
यूं जीने की, ये सजा कैसी है।-
सोच
सोचता हूं के क्या सोचूं
फिर सोचता हूं के ना सोचूं
बहुत सोच कर फिर ये सोचा
के सोचने को क्या सोचूं।
जो ना सोचूं तो सब सोचेंग
मुझे सोचना नहीं आता
मैं अब सोचूं या कब सोचूं
ये भी सोचा नहीं जाता।
-
ये रात का सन्नाटा
और ये ज़ेहन में मचा शोर
ऐ ज़िंदगी बता
तू जा रही किस ओर।
आंखो को बंद कर
मैं सो लूं ज़रा
सपनों से बाते करने में
कही हो न जाए भोर।
ये रात का सन्नाटा
और ये ज़ेहन में मचा शोर।-
शायद मैं उस मोड पर
मंजिल की आखिरी छोर पर
इंतजार किसी का ना करू।
मन भर गया है
जो इतना प्यार मिला
के अब प्यार दुबारा न करू।
समंदर की गहराई सी
या पर्वत की ऊंचाई सी
जन्नत मैं तुझको पाने की
मैं बात दुबारा न करू।
ना वास्ता अब तुझसे है
न तेरे वजूद से
वो झूटी कसमें खाने की
जुर्रत दुबारा न करू ।
सपनों में बहुत ही उड़ लिया
चोट लगी पर जिंदा हुआ
ये मन परिंदा है मेरा
पर उड़ने की कोषिस ना करू ।
मंजिल की आखिरी छोर पर
मैं इंतजार किसी का ना करू।
__खानाबदोश__-
There is a loud silence inside
Sleepless nights, beatless heart
don't know where to go
don't know what to do
meaningless talks, fearless fights
something inside, nothing outside
waliking in rain, feelings invain
what is there to loose, what is to gain
All messed up, nothing sorted
no clearity all distorted
This will end someday
someday the misery will be over
If life is not cruel, it isn't real
Thoughts all over, it's all over me
wrapped in silence
There is a loud silence inside-
है फितरत मेरी आसमां को देखने की
कुछ सपने मैंने वहाँ भी बसाए हैं।
किसी रोज पहूंच जाऊंगा वहाँ पे
अपने तकिये के नीचे मैंने उड़ते जुगनू छुपाये हैं।
है अरमां बस इतना के कुछ तारे मैं छू लूं
अभी तो बस अंधेरों में कुछ दिए जलाये हैं।
है हौसला बहुत, इरादे भी नेक हैं
गुमनामियों में भी हमने नाम कमाये हैं।
मंजिल की फ़िक्र नहीं, मुझे रस्ते से प्यार है
हमने तो हार के भी कितने जश्न मनाये हैं।
है फितरत मेरी आसमां को देखने की
कुछ सपने मैंने वहाँ भी बसाए हैं।
__खानाबदोश__-
ye sheher kuch badla badla sa lagta hai
raste to wahi hain par raunake nahi
tu har saans main sehma sa lagta hai
manjile to hain par raste nahi
himmat ko tham le
thoda upar wale ka naam le
kudrat ka apna tareeka alag hai
socha nahi tune jiske vaaste kabhi-
kuch veeran se lamhe
kuch pareshan se lamhe
thodi shikayte hain
thodi khamoshiya bhi
kabhi apne na hue
ye beeimaan se lamhe
-
Jeene de sukun se
ae dil tujhe pyar kyu karna hai
gair kisi saksh pe tujhe
aitbaar kyu karna hai
beshak tanhai hai
par aisa koi gum to nahi
thoda aaram se reh jara
ulfat-e-zindagi ka bawal kyu karna hai
Rang aur bhi hai
mujhe berang hi pasand hai
jo hai nahi uska
malaal kyu karna hai-
बेपरवाह ज़िन्दगी
और लापरवाह हम
है तेज ज़िन्दगी
और मद्धम हम
है धुप ज़िन्दगी
और छाओं हम
है लायक ज़िन्दगी
और नालायक हम
है शोर ज़िन्दगी
और खामोश हम
है कितनी और ज़िन्दगी
कितने और हैं हम
-