मैं पहला प्रेम उससे करता हूँ, जिसने मुझे बनाया। और दूसरा प्रेम उससे, जिन्होंने बिना मांगे मुझे सबकुछ दिया। और तीसरा प्रेम उससे, जिसने सत्य की राह पर चलने में मेरा मदद किया।
बारिश में न आ पाया तुझसे मिलने,बेवफा तो नहीं हूँ तेरे हर हर दर्द को ले लूँ , दवा तो नहीं हूँ तू कभी नाराज न हो मुझसे, यही कोशिश है मेरी तुम्हें हमेशा खुशियां ही दूँ , खुदा तो नहीं हूँ