खुद का खुद से अब मुकाबला है।
गिरना भी नहीं है और सर को झुकाना भी नहीं।।-
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खुद का खुद से अब मुकाबला है।
गिरना भी नहीं है और सर को झुकाना भी नहीं।।-
जो दिल में होता
वो कह देता था।
इश्क़ में भी झूठ होता है
तो कह देता।।-
इश्क़ कितना भी कर लो
दर्द देता है।
इश्क रुलाता बहुत है
और दगा देता है।।-
खूबियां जितनी भी मुझ में हो
तेरे लिए सब बेकार है।
तुझे सिर्फ लग्जरी पसंद है
और मुझे सादगी।।-
जब वक्त ना हो किसी के पास तुम्हारे लिए तो समझना
कि वो अब तुम्हारा नहीं किसी और का है।।-