बदन मेरा मिट्टी का साँसे मेरी उधार है।घमंड करूँ तो किस बात का यहाँ हम सब तो किराये दर है -
बदन मेरा मिट्टी का साँसे मेरी उधार है।घमंड करूँ तो किस बात का यहाँ हम सब तो किराये दर है
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लिखना था किखुश हैं तेरे बगैर भी यहां हम,मगर कमबख्त...आंसू हैं कि कलम सेपहले ही चल दिए। -
लिखना था किखुश हैं तेरे बगैर भी यहां हम,मगर कमबख्त...आंसू हैं कि कलम सेपहले ही चल दिए।