तुम जो याद आते हो, बहुत कुछ याद आता है
वो मीठी बातें आज भी अकेले हँसाता है !
तुम गणित की प्रश्न , मैं हिंदी का एक शब्द
तुम मात्र एक हल , मैं हूँ हजार अर्थ ...✍️-
डायरी मेरी दोस्त है, करते शब्दों में नक्काशी हैं।
गौरव... read more
शौक देखिए बासी ग़म नहीं खाते
किस्मत देखिए रोज़ नए ज़ख्म हैं आते
चाहत थी जिसके माँग का सिन्दूर होना
किस्मत ने लिखा उसका मामूली दोस्त बनके रहना...✍️-
रिश्तों को भी अल्फ़ाज़ की ज़रूरत है।
मुझसे तुम्हारी नफ़रतें गवाह हैं
तुमको भी प्यार की ज़रूरत है।।
मेरे नसीब जो एक आया
उसी में ख़ुश हूँ दोस्तों
वो और होंगे जिन्हें
दो चार की ज़रूरत है।
ज़िन्दगी बहुत खुशगवार है
बस किसी पे ऐतबार को ज़रूरत है...✍️
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नवरात्रों में उसके चेहरे पर नूर आ जाता है
नौ दिन नौ दुर्गा सा सुरूर आ जाता है
जब माथे पर टीका और सर पे दुप्पटा रख चलती है
तो खूबसूरती उसमें भरपूर आ जाता है...✍️-
बड़ों को भी टूटते हुए देखा है,
और छोटों को हिम्मत देते हुए।
अकेले में वो रोया बहुत था
जिसे देखा था भरी आँख मुस्कराते हुए।।
कभी कभी अपने आस पास का दृश्य
एक चलचित्र की पटकथा सी महसूस हुई,
कभी दिल हुआ ये सब लिखकर नदी में फेंक दें
फिर ख़्याल आया मोबाइल का जमाना है
लिखकर मिटा दो, लोग भी मोबाइल में पढ़कर मिटा देंगे
वैसे, अच्छा तो ख़त वाला जमाना था
जिसे पढ़कर मुश्किल भुलाना था
बेकार ख़त भी कहीं अटारी में छिपे रहते थे
पसन्दीदा ख़त तो कोहिनूर से कीमती थे...✍️-
कुछ रिश्तों में हमने ज़िन्दगी लिख दी।
इक मुस्कराहट में सारी हँसी लिख दी।।
हर साँस तेरे नाम, हर लय तेरी याद में।
तेरे हर एहसास सजे हैं मेरे अल्फ़ाज़ में।।
तेरी आवाज़ के तराने, मेरे धड़कनों की सरगम।
सदा तेरे सज़दे हों मेरे सारे करम।।
तुम बिन ज़िन्दगी एक सूनी सज़ा है।
महफ़िल में अकेले भला क्या ही मज़ा है।।
मेरे लफ़्ज़ों में तेरी यादों का सागर है।
तेरी वास्ते ही "गुरु" बावरा शायर है।।
तुमसे मिलके ही मैंने सीखे शब्दशाला।
कोरे मन के पन्नों पर तुझको लिख डाला।।
कलम लहराके लफ्ज़ मयकशी कर दी।
ख़ामोश बातें सारी हंसी हंसी लिख दी...✍️-
जिसकी उपमा जग में दी जाए,
उस सौंदर्य का वर्णन कैसे करें।
जो चिर परिचित सा है सबका,
अब उसका विवरण कैसे करें।।
हर अकेलेपन का साथी,
लम्बी रातें भी कट जातीं,
सब दिल के हाल सुने ये
जब आँसू की धार बने हैं
दिल सबके हल्के हो जाते हैं,
जब चाँद से छत पे बतियाते हैं...✍️
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क्या पता कब आओगे
जब आओगे तब आओगे
कसक तो ये है इस दिल में
आकर क्या हमसे मिल पाओगे।
सब भूल जाएंगे एक दिन
दूर हो जाएंगे एक दिन
आज भीड़ है कल तन्हा रहेंगे
अकेले थे अकेले रह जाएंगे एक दिन।।
तुम्हारा आना पता नहीं
पर एक बात निश्चित है
मौत का आना निश्चित है
हृदय से लगाना निश्चित है...✍️-