Guru   (Guru)
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जैसे नसा हो गरम चाय का।
Just like inebriety of hot Tea.
Joined 28 January 2019


जैसे नसा हो गरम चाय का।
Just like inebriety of hot Tea.
Joined 28 January 2019
13 JUL 2021 AT 12:36

आज फिर शाख़ों से एक पत्ता बिखर गया।
आज फिर जज़्बात-ऐ-दिल बिखर गए।।

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16 JUN 2021 AT 21:39

कुछ इस क़द्र बेवफ़ायी रंग लायी।
सैलाब तो आया पर धुँआ ना उठा।।

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23 MAY 2021 AT 1:53

कौन से अहद मे चस्म मिले थे तुम से
आज भी भर आते हे गुरु-ए-दिदा-ए-तर

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10 APR 2021 AT 13:15

मोहब्बत-ए-मुफ़लिसी में कुछ यूँ गुज़र गए।
मलक-उल-मौत आये पहेले ही मर गए।।

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5 JAN 2021 AT 17:43

उनसे मोहब्बत कमाल की होती हैं।
जिनका मिलना मुक्कद्दर में नहीं होता।।

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1 OCT 2020 AT 23:10

તુ....!

એક વિતેલિ ક્ષણ...
વિત્યા છત્તા હૈયે છે.

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11 AUG 2020 AT 21:13

Tribute to Dr Rahat Indori

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10 AUG 2020 AT 23:49

मुस्कुराहट थी वो बेवजह।
बेवजह है आज तन्हाई।।

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9 AUG 2020 AT 19:52

काश एक वादा ख़ुद से करते गुरु।
रिवायत-ऐ-सजदा तुम्हारा होता।।

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9 AUG 2020 AT 19:45

काश ना आए होते।
हम ज़िंदा तो रहेते।।

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