आज फिर शाख़ों से एक पत्ता बिखर गया।आज फिर जज़्बात-ऐ-दिल बिखर गए।। -
आज फिर शाख़ों से एक पत्ता बिखर गया।आज फिर जज़्बात-ऐ-दिल बिखर गए।।
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कुछ इस क़द्र बेवफ़ायी रंग लायी।सैलाब तो आया पर धुँआ ना उठा।। -
कुछ इस क़द्र बेवफ़ायी रंग लायी।सैलाब तो आया पर धुँआ ना उठा।।
कौन से अहद मे चस्म मिले थे तुम सेआज भी भर आते हे गुरु-ए-दिदा-ए-तर -
कौन से अहद मे चस्म मिले थे तुम सेआज भी भर आते हे गुरु-ए-दिदा-ए-तर
मोहब्बत-ए-मुफ़लिसी में कुछ यूँ गुज़र गए।मलक-उल-मौत आये पहेले ही मर गए।। -
मोहब्बत-ए-मुफ़लिसी में कुछ यूँ गुज़र गए।मलक-उल-मौत आये पहेले ही मर गए।।
उनसे मोहब्बत कमाल की होती हैं।जिनका मिलना मुक्कद्दर में नहीं होता।। -
उनसे मोहब्बत कमाल की होती हैं।जिनका मिलना मुक्कद्दर में नहीं होता।।
તુ....!એક વિતેલિ ક્ષણ...વિત્યા છત્તા હૈયે છે. -
તુ....!એક વિતેલિ ક્ષણ...વિત્યા છત્તા હૈયે છે.
Tribute to Dr Rahat Indori -
Tribute to Dr Rahat Indori
मुस्कुराहट थी वो बेवजह।बेवजह है आज तन्हाई।। -
मुस्कुराहट थी वो बेवजह।बेवजह है आज तन्हाई।।
काश एक वादा ख़ुद से करते गुरु।रिवायत-ऐ-सजदा तुम्हारा होता।। -
काश एक वादा ख़ुद से करते गुरु।रिवायत-ऐ-सजदा तुम्हारा होता।।
काश ना आए होते।हम ज़िंदा तो रहेते।। -
काश ना आए होते।हम ज़िंदा तो रहेते।।