खूबियां जब पल्लवित होती हैं,कर्म पूजा बन जाता हैअपना अन्तस निखरने लगे,ऐसे काम में आनंद आता हैमनमाफिक काम न मिले,वो प्रारब्ध संदेश कहलाता हैप्रभु आज्ञा मान लो इसको,ऐसा कर्म मन में सुकून बसाता हैकर्म पूजा रब अरदास समान,ये आंगन महकाता हैजो भी करो दिल से करो मित्रों,यही तो आनंद बरसाता हैकर्म दिवस की अनंत शुभकामनाएंगुरमीत -
खूबियां जब पल्लवित होती हैं,कर्म पूजा बन जाता हैअपना अन्तस निखरने लगे,ऐसे काम में आनंद आता हैमनमाफिक काम न मिले,वो प्रारब्ध संदेश कहलाता हैप्रभु आज्ञा मान लो इसको,ऐसा कर्म मन में सुकून बसाता हैकर्म पूजा रब अरदास समान,ये आंगन महकाता हैजो भी करो दिल से करो मित्रों,यही तो आनंद बरसाता हैकर्म दिवस की अनंत शुभकामनाएंगुरमीत
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प्रभु का शुक्रिया करके देखो,दिन महक जाएगासारे गिले शिकवे भूल जाओ,तो मन लहक जाएगाबचपन फिर से जी कर देखो,मंजर बदल जाएगादुनिया की बातें दिल पे न लो,आनंद मार्ग मिल जाएगाहर लम्हे को खुशी से सींचों,जीवन खिल जाएगाउपवन महकाना ही मंजिल रखो,सफर सफल हो जाएगागुरमीत -
प्रभु का शुक्रिया करके देखो,दिन महक जाएगासारे गिले शिकवे भूल जाओ,तो मन लहक जाएगाबचपन फिर से जी कर देखो,मंजर बदल जाएगादुनिया की बातें दिल पे न लो,आनंद मार्ग मिल जाएगाहर लम्हे को खुशी से सींचों,जीवन खिल जाएगाउपवन महकाना ही मंजिल रखो,सफर सफल हो जाएगागुरमीत
कुछ हाथ नहीं आता,परछाई का पीछा करतेजीवन ऐसे ही गुजरा जाता,अयथार्थ की इच्छा करते मृग मरीचिका जैसे ही,लोग इस भरम जाल में फंसतेजब तक समझ में आता,तब तक लम्हें हाथ नहीं बचतेपरछाई और सच में अंतर,जब लोग सही में समझतेदुनियावी भरम के जाल में,उनके जीवन नहीं उलझतेमत भागो झूठे आकर्षण में,इनसे तो आंगन नहीं सजतेठोस धरातल पर यात्रा करो,इनके गीत ही मधुर से बजतेगुरमीत -
कुछ हाथ नहीं आता,परछाई का पीछा करतेजीवन ऐसे ही गुजरा जाता,अयथार्थ की इच्छा करते मृग मरीचिका जैसे ही,लोग इस भरम जाल में फंसतेजब तक समझ में आता,तब तक लम्हें हाथ नहीं बचतेपरछाई और सच में अंतर,जब लोग सही में समझतेदुनियावी भरम के जाल में,उनके जीवन नहीं उलझतेमत भागो झूठे आकर्षण में,इनसे तो आंगन नहीं सजतेठोस धरातल पर यात्रा करो,इनके गीत ही मधुर से बजतेगुरमीत
खुशियों को गले लगाना है तो,परिंदो की तरह रहनामुक्त गगन में प्रसन्न उड़ान,पवन के सुकून सा बहनारात्रि के भरपूर विश्राम के बाद,सूर्योदय होते निकलनादिन भर गतिशील रहकर,मधुर स्वर में चहकनाहर दिन नए नजारों में,कुदरत के सानिध्य में संवरनाउसकी रजा में संतोष रख,अस्तित्व अमृत खुद में भरनाये जीवन इक यात्रा समान,हर लम्हा दिल से निखरनापरिंदे सिखाते अर्थ सफर का,उन जैसा जीवन करनागुरमीत -
खुशियों को गले लगाना है तो,परिंदो की तरह रहनामुक्त गगन में प्रसन्न उड़ान,पवन के सुकून सा बहनारात्रि के भरपूर विश्राम के बाद,सूर्योदय होते निकलनादिन भर गतिशील रहकर,मधुर स्वर में चहकनाहर दिन नए नजारों में,कुदरत के सानिध्य में संवरनाउसकी रजा में संतोष रख,अस्तित्व अमृत खुद में भरनाये जीवन इक यात्रा समान,हर लम्हा दिल से निखरनापरिंदे सिखाते अर्थ सफर का,उन जैसा जीवन करनागुरमीत
सफर चुनौतियों से भरा है,खुद पर यकीन रखनायात्रा किसी की सुगम नहीं,सोच को जहीन रखनाबड़े बड़े पर्वत होंगे पार,बस हौंसला आसीन रखनाभाग्य भी साथ दे वीरों का,अपना कौशल नवीन रखनातुम्हारी खूबियां बेमिसाल,इन सबको हसीन रखनाहर पल सफर का महकेगा,मन में यकीन विलीन रखनागुरमीत -
सफर चुनौतियों से भरा है,खुद पर यकीन रखनायात्रा किसी की सुगम नहीं,सोच को जहीन रखनाबड़े बड़े पर्वत होंगे पार,बस हौंसला आसीन रखनाभाग्य भी साथ दे वीरों का,अपना कौशल नवीन रखनातुम्हारी खूबियां बेमिसाल,इन सबको हसीन रखनाहर पल सफर का महकेगा,मन में यकीन विलीन रखनागुरमीत
जिंदगी न मिलेगी दोबारा,ध्यान करो इस जीवन कासींचों इसको प्रेम से,आकर्षण बना रहे उपवन कानित खुद से संवाद करो,ध्यान रखो तुम अपने मन कामन सुंदर तो आंगन महके,यही असल रूप है धन कास्वस्थ्य तन सबसे बड़ी नियामत,मान करो अपने तन काकारवां अपना सुखी रहे,तुम यही लक्ष्य रखना सफर काध्यान का अर्थ मन की निर्मलता,यही मार्ग प्रभु से मिलन काआनंद सुकून संतोष बसा रहे,सफल हो जाए अर्थ जीवन कागुरमीत -
जिंदगी न मिलेगी दोबारा,ध्यान करो इस जीवन कासींचों इसको प्रेम से,आकर्षण बना रहे उपवन कानित खुद से संवाद करो,ध्यान रखो तुम अपने मन कामन सुंदर तो आंगन महके,यही असल रूप है धन कास्वस्थ्य तन सबसे बड़ी नियामत,मान करो अपने तन काकारवां अपना सुखी रहे,तुम यही लक्ष्य रखना सफर काध्यान का अर्थ मन की निर्मलता,यही मार्ग प्रभु से मिलन काआनंद सुकून संतोष बसा रहे,सफल हो जाए अर्थ जीवन कागुरमीत
हर आदमी के अंदर हैं,बहुत से आदमीजो दिखता है वो वही हो,नहीं है लाजमीदिल से हो काला,बातें करता हो लुभावनीअंदर जहर छिपा हो,लबों से टपकती चाशनीबाहर से मुस्कुराता हो,अंदर से हो सकता है जख्मीदिखता हो सख्त पर,हो सकती है नैनों में छुपी नमीआंखो से जिसके बहे प्रेम,चरित्र से चमके संतोष सादगी आंतरिक खूबियां से परिवेश महके,वही है सही आदमीगुरमीत -
हर आदमी के अंदर हैं,बहुत से आदमीजो दिखता है वो वही हो,नहीं है लाजमीदिल से हो काला,बातें करता हो लुभावनीअंदर जहर छिपा हो,लबों से टपकती चाशनीबाहर से मुस्कुराता हो,अंदर से हो सकता है जख्मीदिखता हो सख्त पर,हो सकती है नैनों में छुपी नमीआंखो से जिसके बहे प्रेम,चरित्र से चमके संतोष सादगी आंतरिक खूबियां से परिवेश महके,वही है सही आदमीगुरमीत
विश्राम हुआ अब चलो काम पर,सुबह यही कहती है हमसेनव ऊर्जा उत्साह के साथ,आशीर्वाद मांगो तुम रब सेसूरज धवल प्रकाश की भांति,निर्मल हो जाओ तुम मन सेआशा उल्लास के साथ,मनाओ भाई आनंद के जलसेप्रभात लालिमा का संदेश,परिवेश चमकाओ निखरो दिल सेग्रहण करो प्रसाद प्रभात का,अंतर में अनंत आनंद बरसेगुरमीत -
विश्राम हुआ अब चलो काम पर,सुबह यही कहती है हमसेनव ऊर्जा उत्साह के साथ,आशीर्वाद मांगो तुम रब सेसूरज धवल प्रकाश की भांति,निर्मल हो जाओ तुम मन सेआशा उल्लास के साथ,मनाओ भाई आनंद के जलसेप्रभात लालिमा का संदेश,परिवेश चमकाओ निखरो दिल सेग्रहण करो प्रसाद प्रभात का,अंतर में अनंत आनंद बरसेगुरमीत
कितनी भी समृद्धि हासिल हो,कभी कभी डर लगता हैकल क्या होगा किसने देखा,अंजान सा ये सफर लगता हैप्रारब्ध किसी के बस में नहीं,इस सत्य को भी पहचानो जिंदगी को खुश रखना है तो,हरि इच्छा को सर्वोपरि मानोकर्म जरूर अच्छे करो,उसकी रजा में रहना स्वीकारो डर फिर परेशान नहीं करेगा,आनंद के साथ यात्रा निखारोगुरमीत -
कितनी भी समृद्धि हासिल हो,कभी कभी डर लगता हैकल क्या होगा किसने देखा,अंजान सा ये सफर लगता हैप्रारब्ध किसी के बस में नहीं,इस सत्य को भी पहचानो जिंदगी को खुश रखना है तो,हरि इच्छा को सर्वोपरि मानोकर्म जरूर अच्छे करो,उसकी रजा में रहना स्वीकारो डर फिर परेशान नहीं करेगा,आनंद के साथ यात्रा निखारोगुरमीत
एक खुशगवार भाव है,एहसास अपने होने कायही सही समय है,मन के सारे क्लेश धोने काहोने का एहसास कराए,खुशियों में खुद को भिगोने काखुद को पाना जरूरी है,दिल है गर प्रभु में खोने कानित नियम अभ्यास करो,अपने होने को मन में संजोने काजीवन उत्सव हो जाएगा,जब अर्थ समझा अपने जिंदा होने कागुरमीत -
एक खुशगवार भाव है,एहसास अपने होने कायही सही समय है,मन के सारे क्लेश धोने काहोने का एहसास कराए,खुशियों में खुद को भिगोने काखुद को पाना जरूरी है,दिल है गर प्रभु में खोने कानित नियम अभ्यास करो,अपने होने को मन में संजोने काजीवन उत्सव हो जाएगा,जब अर्थ समझा अपने जिंदा होने कागुरमीत