जब तुम जानते थे कि
निभाना तुम्हारे बस में नहीं ॥-
लिखने से जो सुकून मिले मेरे मन को
बस वही कशिश मुझे यहां तक ले आती है!!
एक वक़्त था, जब हम साथ थे,
क्या रिश्ता था… क्या नाम था… नहीं पता।
फिर एक वक़्त आया, हम अलग हो गए,
इंतज़ार तो था… पर तू आएगा, ये नहीं पता।
अब तुम लौट तो आए हो,
मगर साथ रहोगे… इसका भी तो नहीं पता।-
They said “ being one side lover is worst.”
कभी अपनी ही कहानी के
सिर्फ़ एक मामूली किरदार बने हो क्या ॥-
कभी वक़्त ही नहीं मिला ख़ुश होने का मुझे
क्योंकि सारा वक़्त मैंने मज़बूत होने में गँवा दिया ॥
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