14 MAR 2018 AT 16:37

प्यार और जंग में सब जायज है
प्यार में जीत और जंग में हार शायद है।
प्यार अलहदा- मस्तमौला ,दीवाना है
इसकी मंजिल खोना ,कहां कुछ पाना है ।
इसका तो बस एक ही जुनूँ
अपने महबूब पे मिट जाना है ।
इंतशार होकर इश्क़ की इबारत बनाना है।
इश्क़ में जंग का कहाँ कोई ठिकाना है
इब्तिदा इश्क़ में मिटना है ,जंग में मिटाना है ।

इंतशार---बिखरना

- Anuradha Pandey.