कुछ के लिए दीवाना कुछ के आवारा हूं मैं अकेला बेसहरा हूं किसी को मिलने की उम्मीद नहीं किसी को पाने का जज़्बा नही हूं मशहूर बहुत , किसी को अजमाना नही आशिक हूं बतमीज हूं लेकिन दिल से बहुत सुझबान हूं।।
उसको भूल चुका हूं अब न जाने क्यों लगता है वो मेरी राह ताक रही है न जाने वो इंतजार कर रही है हो सकता है में गलत हूं इस गलती को गलती समझने मैं भोज महसूस करता हूं रहता हूं यादों में मगता रहता हूं दुया रहे आवाद तू और भूल जाए सब फरियाद।।
कभी महसूस नहीं किया यह जो अकेलापन है मौत जैसा है मौत के बात लोग कैसे बर्तब करेगे आपके साथ उसकी छलक इस में है ना जानें मेरे जैसे और कितने है मौत की खुशी मना रहे है भूल रहे है मर रहे रोज हर रोज एक जैसा दिन एक जैसे लोग सब सुख दुःख एहसास खत्म है प्यार नफरत कुछ रहा नहीं लालच लालसा सब ख़त्म पता नही सही है जा नहीं मिलना चाहता हूं किसी को किसी को भुला कर पर किसी को भुला कर मरा हुए महसूस करता हूं मैं गलत हूं जा सही पता नही हा मैं अकेला हूं मैं अकेला हूं।।