माँ...
बड़ी बड़ी रात बिता दी
मोटी मोटी आंखों से
छोटी छोटी ख्वाहिशें तोड़ दी
अपनी प्यारी मुस्कानों से
पूछो तो कहती है
मेरा तो संसार यही है
बाहर कहाँ खुशियाँ मिले
स्वर्ग मेरा यहीं है
तूफ़ानों से न डरने वाली
मेरे आगे हार जाती है
कमजोर नहीं है वह
मेरे दर्द से डर जाती है
चोट मुझे लगे
दर्द उसे होती है
उम्र भी कम पड जाए
तजुर्बे इतनी रखी है
हर सवालों का उत्तर
हर दर्द का नुस्खे देती है
भूल के भी दिल न दुखे
ये खयाल रखना है
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