Gunjan Upadhyay  
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Joined 28 February 2018


Joined 28 February 2018
1 MAY AT 17:52

He : क्या हाल है, तुम कैसी हो.. ?

Me : सबके बीच खोई खोई सी मैं...।
सबकी बातों में सिर्फ तेरी आवाज सुनती मैं...।
और क्या सुनाऊं मैं अपना हाल तुझे....
तेरे इश्क़ में होई जोगन जोगन सी मैं...।।

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1 MAY AT 14:58

क्या बताऊं मेरे लिए अहमियत उसकी....
के बहुत कुछ सीखा है उसके साथ रहकर...
अब जाने के बाद भी वो ज़िंदगी जीने के सबक दिए जा रहा है...।।

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25 APR AT 16:35

अब इतना भी मुझे याद न कर मेरी जान, के हिचकियों से मेरी जान जा रही है...।।

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16 APR AT 9:50

हर सुबह करती हूँ कुछ समझदारी के वादे खुद से.. "मैं तो सायनी हूँ इस दिल की बातों में ना आऊँगी..."
मगर आज फिर शाम होते ही जो तेरी हवा चली...
मैंने एक बार फिर सारी रात, तुझ संग नादानियों में गुजार दी...

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15 APR AT 22:38

माना के अब वो सुहानी रातें नहीं, पहले सी लंबी बातें नहीं...।
न सुबहों में शामिल हो तुम, ना शामें तुम संग बीत रही...।
कभी हंसती कभी रुलाती, ज़िंदगी फिर भी तुम बिन गुज़र रही..।
पर एक राज़ की बात बताती हूँ...।
दिल में एक टीस है, जो तुम तक पहुँचाती हूँ..।
शायद तुम्हें ये अभास हो... मुझे तुम अब भी याद आते हो...।
हाँ.. याद आते हो बारिशों के मौसम में..।
याद आते हो बहुत, चाँदनी रातों में..।
और चलतीं हैं जब सर्द हवाएं, तुम बहुत याद आते हो..।
कैसे बताऊँ इस दिल को के तुम अब कहीं नहीं...।
ये नादाँ तो अब मेरी सुनता ही नहीं...।
मैं तो भुलाना भी चाहूँ मगर इसे तो तुम अब भी याद आते हो...।।

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10 APR AT 16:30

भावसागर सी भावनाएँ कैसे व्यक्त करूँ... निशब्द हूँ, क्या कहूँ....।।

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10 APR AT 16:18

अजनबी थे तुम जब तुम्हें पहली बार देखा था...अनजान पर कुछ जाने-पहचाने से लगे...
दिल ने भी गवाही दी कि गैर नहीं हो तुम.. शायद कोई किस्मत कनेक्शन लेकर आए थे तुम..
सालों बीते तुमने क्या खूब दोस्ती निभाई... हद में रहकर रिश्तों की मर्यादा निभाई...
बेशक हमें महसूस ना हुआ हो.. पर नज़रें तो अपना काम कर रही थीं, मिलते ही उनका यूं ठहर जाना फिर तुम्हारा मुस्कुरा देना.. आँखों ही आँखों में जाने कौनसी कहानी बुनी जा रही थी..
सोचा न था एक दिन ये दूरियाँ नजदीकियां बन जाएंगी.. और तुम एक अजनबी से दोस्त और दोस्त से इतने ख़ास हो जाओगे...

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28 SEP 2023 AT 1:55

कुछ यूं हुई मुलाकात उनसे...
के सामने देख उन्हें, मेरे लब सिल गए...
कुछ भी ना कह सके, बस देखते ही रहे...
धड़कनों का शोर था अजीब सी ख़ामोशी में...
अफ़साने बयां हो रहे थे आँखों ही आँखों में...
फिर हाथों को छू कर मेरे, जैसे कई वादे कर गए...
उफ्फ ये कैसा असर हुआ, तुम जान ले गए...
दिल ही दिल में तुम्हे अपना हम ख़ुदा मान गए।

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24 SEP 2023 AT 0:16

मोहब्बत बेपनाह थी तुमसे...
तुमने भी इश्क़ बेशुमार किया था...
बेहद हसीं थी ज़िंदगी उस वक़्त,
हर लम्हा मैंने भरपूर जीया था...

...ये अब गुज़रा हुआ वक़्त था, सिर्फ़ यादों में रह गया..

सोचती हूँ फिर भी कभी-कभी..
के पता नहीं कहाँ ख़ता हुई, या क्या कुछ ग़लत हुआ..!! शायद नसीब में साथ इतना ही था मेरा तुम्हारा... इसलिए किस्मत ने यूँही कोई, बचकाना सा बहाना बना लिया...

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20 SEP 2023 AT 13:39

Kai pardon aur parton mein khud ko chhupa liya maine..
Ab Kuch is tarah se jeene ka tareeka bana liya maine..

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