ऐ मेरे हिंदुस्तान के वासियों
ना तुम हिंदू बनो, ना तुम मुस्लिम बनो
तुम बस एक नेक इंसान बनो
कर गुजर जाओ कुछ ऐसा
कि...पूरा हिंदुस्तान बनो,
सब कुछ संविधान में ही होंगे....
कुछ तो अपने इमान में भी रखो,
जब ठान लोगे मन में... कि ये देश अपना हैं
तो कर गुजरने की तमन्ना...
और ये जोश भरा मन अपना है
तो जरूरत नही हमे किसी संविधान की,
हमें तो मन की एकता की जरूरत है
चलो मन से मन की मिसाले जलाएं
मौलिकता की ज्योति जलाएं
ऐ मेरे हिंदुस्तान के वासियों
तुम बस एक नेक इंसान बनो!!
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