मेरी कलम चलती तो है पर शायद थोड़ी उदास है,
तुम आना तो मेरे हृदय में समा कर इसकी स्याही बनना।-
चाहत ये है कि
हर रात सोने से पहले मैं उसे किताब पढ़ कर सुनाऊँ,
सुनते-सुनते मेरे चहरे के भावों को वो भी महसूस करे,
मेरी मुस्कुराहट पर हँसे
और मेरे रोने पर उसकी पलकें भी भीग जाए।-
चाँद फ़लक पर चढ़ा नहीं कि सब अपना रोज़ा तोड़ने लगे,
वो मुझे दिखी नहीं, मानो एक अरसे से मैं रोज़े में हूँ।-
कच्ची उम्र में हो गई मोहब्बत का अंजाम बुरा होता है,
आगे सब होता है, बस मोहब्बत नहीं होता है।-
शान-ओ-शौकत से जिये सदा
हिंदी ऐसे, जैसे जीते हैं हम,
हमारी वज़ह से है हिन्दी और
हिंदी की वज़ह से हैं हम।-
कोई कायदे सीखा रहे हैं,
कोई सलीके सीखा रहे हैं।
जिनके जुबान का कोई मोल नहीं,
वो भी मुझे जीने के तरीके सीखा रहे हैं।-
जीवन में भले शामिल ना करो
पर मुसाफ़िर को मन से कैसे निकाल पाओगे?
लाख कोशिशें कर लो खुद को मुझसे दूर रखने की
पर एक दिन मेरे प्रेम से खिंचे चले आओगे।-
हमने सदैव पुरुषों के प्रेम को महिलाओं के प्रेम के मुकाबले कम आँका है।
क्या ये प्रेम में पड़े पुरुषों के साथ गलत नहीं हुआ?
क्या इसे ही साहित्यिक अन्याय कहते हैं?-
मानने वालों के लिए ईश्वर भी यहीं हैं
और ना मानने वालों के लिए ईश्वर द्वारा बनाई
गई ये प्रकृति भी कोई मायने नहीं रखती है,
प्रेम भी कुछ वैसा ही है।-
प्रेम में पड़े लड़कों के लिए वो
सारी कविताएँ पढ़ी जानी चाहिए,
जो कि प्रेम में पड़ी लड़कियों
के लिए लिखी गई है।-