कृष्णा से जो मैं मांगता हूं,
वो दुआ तुम हो।
मोहब्बत हो तुम मेरी ये जानता हूं,
तुम मेरी हो सिर्फ मेरी ये बात भी जनता हूं।।
मेरा हर एक चीज़ कुर्बान है तुम पर,
मुझे पूरा यकीन है तुम पर।।
फिर भी मेरा ये दिल रोज धड़कता है,
हर रोज तड़पता है,,
कहीं मुझे तुम छोड़ के चल तो नहीं दोगी!-
Just few line enough for share the emotion
I love poetry
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हम तो सपनों की दुनिया में बस खोते ही चले गए,
होश में होते हुए भी मदहोश होते चले गए,
उस लड़की में क्या जादू था?
बस हम उसके होते ही चले गए।।❣️-
मत पूछा करो की मुझे तुमसे कितना प्यार है,
बारिश की बूंदे भी तुम्हें छू ले,
तो हम बदलो से भी जलने लगते हैं।।-
तुम्हारी आखों में हम अपने सपने देखने लगे,
तुम्हारी होठों पर हम अपनी खुशी देखने लगे।।
R❣️-
इतनी छोटी छोटी बातों पर मैं उसे छोड़ दूंगा क्या?
वो लाख गलती करे सही मेरी जान तो है।।-
वैसे तो चल रही सांसे,
पर हूं मैं जिंदा सा लाश।
कुछ करो ना प्रभु,
या बुला लो न अपने पास कैलाश।।
आंसू बहे जैसे मानसरोवर!
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मैं पापी, कहां से पाऊं मैं पुण्य,
मेरी हस्ती लगती है एकदम शून्य,
रख दो ये पैर तुम मेरे सर पर,
दिल बन बैठा है पत्थर सा अहिल्या।
कलियुग के समय का न भाता ये सावन,
न ये बदलते मौसम, न वर्षा, न ही ये बादल,
नारायण बुला लो न पास मुझे,
चाहे त्रेता हो या द्वापर।।-
इतना प्यार भी न किया करो,
कि लापरवाह हो जाऊं मैं।
थोड़ा थोड़ा दर्द भी देती रहना,
ताकि सुधर जाऊं मैं।
गलती हो जाए मेरे से तो बेशक रूठ जाया करना,
मगर इतना भी न रूठना कि मर जाऊं मैं।।-
लेते है तेरा नाम, पर करते है घिनौना सा काम,
कैसे है प्रभु तेरी ये दुनिया, कोई सगा न अपना यहां,
पत्थर के है सबके ये दिल, कोई समझे न यहां वफ़ा,
बताओ न प्रभु हम करे क्या, कली के काले युग में जी के यहां,
काले है सभी विचार, काले है सभी ये मन तन,
तुम्हीं बताओ हम करे क्या, कली के काले युग में जी के यहां,
रहते हो तुम जहां मेरे प्रभु, ले चलो मुझे वहीं पे न।।-
राधा को कृष्ण का साथ मिला,
बिना साथ मिले निभा गई मीरा।।
गोकुल में रास रची थी राधा,
बंजर भूमि में फूल खिला गई मीरा।।
कृष्ण ने द्वापर में राधा को पाया,
कलयुग में कृष्ण को पा गई मीरा।।-