Gumnaam   (gumnaam)
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Joined 24 October 2017


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Joined 24 October 2017
14 APR AT 17:02

प्रेम पर
कितना कुछ कहा गया, लिखा गया
तो
मेरी दासता कुछ यू हैं कि

उन्हें
उन फूलो से प्रेम था
जिसे मुझे प्रेम था
ये ख़बर उनतक पहुंची
और ख़बर मुझ तक भी आई
फिर प्रेम अमर रहा
सादिया गुजरती हैं
ये खिलते रहते है हर साल
और याद हमेशा आती हैं
पर मुस्कुराते हुए
क्योंकि मैं,वो और ये
कभी उलझे नही.. कही पर भी नही।

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14 MAR AT 20:41

Happy
Birthday
To....You....🎂🎂🌿🌿🏵️🏵️

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31 OCT 2023 AT 22:24

..... और इस तरह
मैंने अब लिखना छोड़ दिया
मानो जैसे
भवारे को समझ आ जाए
की जिस फूल पर
जड़े जमाए बैठा रहता था
वह,वहा होगा ही नही।

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16 OCT 2023 AT 13:55

...और सिलसिला
यू ही चला
सिला बनकर कर

वो मोम ही रहे
और
मै पत्थर सा बनता गया....

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30 JUL 2023 AT 12:27

यकीन मानो...

दौड़ती जिन्दगी से
चुराया वक्त
हम लोगो के लिए
कम, यादगार और जरूरी होते हैं...

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24 JUN 2023 AT 14:39

मोहब्ब्त मे
गणित का हिसाब
हमेशा ही गलत रहा
बड़ा ही वक्त लगा आने मे
और पल भर जाने मे....

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24 JUN 2023 AT 14:13

मैंने
हमेशा मोहब्ब्त को लिखा
फिर
हमारी शिकायते
हमेशा पीछे रही...

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12 MAY 2023 AT 16:59

मैंने
बांध रखा हैं खुद को
कम मे ही ज्यादा जरुरते
शामिल करना...

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6 MAY 2023 AT 20:32

....

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4 MAY 2023 AT 21:29

बरसो तक
बाप के पैसे का बड़ा रौब था
फिर बारी मेरी आई
यकीन मानिए सरकार
सब टूट गया.... उस पल मे।

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