Gulzar Shayar   (Gul)
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Poet cum Author.
+919044458253
Meri shaksiyat meri shayri m h.
Joined 9 November 2019


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8 APR 2022 AT 9:55

न सुनेंगें, न करेंगें,
हम शिकायतों से, दूर रहेंगे।
न अकड़ेंगे, न झुकेंगे,
हम आफतों से दूर रहेंगे।

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3 APR 2022 AT 17:02

चैत्रमास, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा
विक्रमी संवत्सर का आगमन,
नवरात्र के व्रत-उपवास गुल,
रामनवमी से नववर्ष का शुभारंभ।

नव नव रूप में माता पूजें,
अनुशरण सनातन धर्म,
सुख समृद्धि सुरक्षा शांति,
सत्य न्याय का पर्दापण।

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9 MAR 2022 AT 12:04

बेशक कल तू,
बड़ा परेशान होगी,
मुसीबत में तो बस,
तेरी जान होगी,
बेमानी की तो
बदनाम होगी,
की ईमानदारी तो
तू नीलाम होगी।

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9 MAR 2022 AT 11:59

सम्मान या षडयंत्र?
यूक्रेन को फ़साने के बाद
क्या अब भारत की बारी?
निःसन्देह अमेरिका धूर्त है।

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7 MAR 2022 AT 16:03

देख शक्ति आपकी, गुल एक वोट में,
सारे पापी छुप गये, धर्म की ओट में।

सुर है सरा है, मांस और मदिरा है।।
खुशी-2 बिक गये, आप भी नोट में।

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7 MAR 2022 AT 16:01

दावा है उनका वो, अंज़ाम बदल देंगे,
गिर कर मक़ाम से उसका, मक़ाम बदले देंगे।

बदलना सूरत-ए-हाल, मुमकिन न हुआ तो,
बड़ी शान से बस उसका, नाम बदल देंगे।

जब साथ भोंपू हो, बना नक्कारखाना उनका,
तो कैसे न निकम्मे गुल, पैग़ाम बदल देंगे।

करेंगे बड़ी कारस्तानी, खिचड़ी को बिरयानी,
ग़रीब के हिस्से का यूँ, गुल इनाम बदल देंगे।

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1 MAR 2022 AT 23:56

बड़ी ख़ुशी तेरी, ज़ानिब उछाला है,
बेख़बर गुल कि दिल टूटने वाला है।

न फ़िक़्र-ए-अंज़ाम गुल,
न सम्भला न संभाला है।

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1 MAR 2022 AT 23:39

1
मोहब्बत का, मिलते हुवे, खो जाना,
ख़ला दिल मे, महरूमी बो जाना।
2
मुनाफ़िक़-ए-इश्क़ है तू, मुंकिर-ए-अहसास,
तू क्या जाने बेहिस, क्या होते हैं लोग हस्सास।
3
जो ख़ालिक़ से नावाकिफ़ हो,
"गुल" वो ख़ल्क़ को क्या जाने।

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1 MAR 2022 AT 21:38

Nothing to get
Nothing to left.

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1 MAR 2022 AT 21:36

Although,
I'm not Best Choice For You
But,
I'm Perfect Option For You.

हालांकि मैं तुम्हारे लिये बेहतरीन इंतेख़ाब नही,
लेक़िन मुक़म्मल राह ज़रूर हूँ।

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