Gulshan Singh   (Gulshan Singh Rajput)
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Joined 29 May 2019


Joined 29 May 2019
30 APR 2022 AT 11:24

मत रहो दूर हमसे इतना के  अपने फैसले पर अफसोस हो जाये, कल को शायद ऐसी मुलाकात हो हमारी के  आप हमसे लिपटकर रोये और हम ख़ामोश हो जाये

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30 APR 2022 AT 11:21

हम जो मिले थे तुमको जो कदर ना जानी मेरी अब जो दूर हैं तो कहते हो याद आ रही

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28 JAN 2022 AT 11:22

Sara din guzar jata hai Ҝhud Ҝ๏ saɱetne ɱai 
Fir rat Ҝ๏ usҜi yaad๏n Ҝi hawa chalti hai 
Aur huɱ fir biҜhar jate hain 
सारा दिन गुज़र जाता है ✧ खुद को समेटने में✧
फिर रात को उसकी यादों की ✧ हवा चलती है 
और ✧ हम फिर बिखर जाते है ✧

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22 OCT 2021 AT 20:23

कितना अजीब अपनी ज़िंदगी का सफर निकला.

सारे जहाँ का दर्द अपना मुक़द्दर निकला

जिसके नाम अपनी ज़िंदगी का हर लम्हा कर दिया

अफसोस वही हमारी चाहत से बेखबर निकला !!

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22 OCT 2021 AT 20:20

दिल तोड़ कर हमारा तुमको राहत भी न मिलेगी,

हमारे जैसी तुमको कहीं चाहत भी न मिलेगी,

यूँ इतनी बेरुखी न दिखलाइये हमें,

 

हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी न मिलेगी।

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22 OCT 2021 AT 20:18

दो शब्दों में सिमटी है मेरी मुहब्बत की दास्तान,
उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गये।

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21 OCT 2021 AT 16:48

"मरने वाले इंसान के लिए रोने वाले हजारों मिल जाते है, जिंदा इंसान को समझने वाला कोई नहीं मिलता I"

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21 OCT 2021 AT 16:46

ग़मों की आँधियाँ चलती है, आंसुओं की बरसात होती है। बस इसी तरह ज़िंदगी की दिन और रात होती है।

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21 OCT 2021 AT 16:43

"अगर किसी की आस ना हो तो, ज़िंदगी में बड़ी से बड़ी गम भी छोटी ही लगती है I"

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2 MAY 2021 AT 6:14

वो मेरे दिल💖 में रहती हैं,
और रोज मेरे ख्वाबों में बस्ती हैं।
मै खुद से बेखबर हो जाता हूँ,
जब वो पगली मुझे देखकर मुस्करा जाती हैं।

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