gulshan sahu  
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Joined 21 June 2018


Joined 21 June 2018
16 JAN 2022 AT 18:13


कुछ लोग कहते हैं वो मेरे अपने हैं,

ऐसा नही हैं साहब अगर होते तो यहां वहां बुराइयां नही करते।





गुलशन साहू(छत्तीसगढ़िया)

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2 JAN 2022 AT 14:30






चमक फीका रखना ही सही हैं,

मैने सुना हैं, रोशनी ज्यादा होने पर लोग देख नही पाते।





गुलशन साहू(छत्तीसगढ़िया)

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22 DEC 2021 AT 13:04

किसी ने क्या खूब कहा हैं....




शांखों से टूट जाए, वो पत्ती नहीं हैं हम
आंधी से कह देना अपनी औकात में रहे।



गुलशन साहू(छत्तीसगढ़िया)

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20 DEC 2021 AT 21:49

नन पन ले जेखर संगती मिलिस,
साथ मा जेखर खेलेन बढ़ेन,
जिन्दगी के सबो ऊंच - नीच मा,
एक - दूसरा के साथ खड़े रहेन।

संगत मा रहे ले जेखर हो जाथे सब चिंता दूर,
एक बार गला मिल के प्यार मिल जाथे भरपूर।

जो हर बात मा हमन ला समझाथे,
अउ बात बात मा जेन हमर मन से झगड़ा कर जाथे।

जे प्यार के देथे हमन ल ज्ञान हे,
हमर गुरू जी के नाम महान हे।


"गुलशन साहू"

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9 JUL 2021 AT 10:32




नहीं थी परवाह मुझे उसकी,

और वो मुझसे रूठती चली गई,

कुछ दिन मैंने और रुक के देखा और वो टूटती चली गई।





गुलशन साहू(छत्तीसगढ़िया)

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27 APR 2021 AT 9:18

समय का क्या हैं जनाब,
वो तो सबकुछ गुमशुम सा कर गया हैं,
घर में रहने को लोगो को मजबुर सा कर गया हैं।

हॉस्पिटलों में बिस्तर के कोई आसार नहीं दिख रहें,
आपस में मिलके रहते अब हर घर बार दिख रहें हैं।

हौसला लोगों में आज हर दूसरा इंसान भर रहा हैं,
खुद बिस्तर में होने के बाद भी वो दूसरों के लिए मिन्नते कर रहा हैं।

इंसानों में आज ये इंसानियत जगा गया हैं,
अब यह समय भी हमको कुछ नया सा सीखा गया हैं।


गुलशन साहू (छत्तीसगढ़िया)

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29 JAN 2021 AT 13:22



क़यामत तक की थी सिफारिश उसकी,

पर लोगो ने उसको प्यार का नाम दे दिया।







गुलशन साहू (छत्तीसगढ़िया)

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28 JAN 2021 AT 21:24





तेरी घमंड का क्या,
वो भी फीकी ही हैं,मेरे अकड़ के सामने🤫

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13 JAN 2021 AT 23:48





हमेशा छोटा बन जाता हूं मैं,

जब बात मां - पापा और अपने से बढ़ो की होती हैं।




गुलशन साहू (छत्तीसगढ़िया)

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18 DEC 2020 AT 9:01

अब खुद में खुद को ढूढ़ने चला हुं,

जो लोगों के बीच कहीं खो बैठा था😟





गुलशन साहू (छत्तीसगढ़िया)

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