Guftgoon Lafzon Se (GLS)   (by GLS ✍️)
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Joined 12 April 2018


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Joined 12 April 2018
14 AUG 2023 AT 7:29

ख़्वाबों को हकीकत बनने में वक़्त लगता है
कदम जो लड़खड़ाए तो सम्भलने में वक़्त लगता है
हताश होकर यूँ उम्मीद मत छोड़िए ज़नाब
उलझी हो जो ज़िंदगी तो सुलझने में वक़्त लगता है
-akash bharti

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10 MAY 2023 AT 18:06

घमंड था खुद पर आज वो टूट गया है...
रिश्तों का धागा कही से टूट सा गया है...
बहुत पीछे रह गए हम उनके साथ चलते-चलते,
उनका हाथ था मेरे हाथ में, अब वो छूट सा गया है...
मुकद्दर को जाने क्या मंजूर था सुनो 'आकाश'
आज तो तेरा दिल भी तुझसे रूठ सा गया है...😢

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23 FEB 2023 AT 4:30

तेरे होंठो की लाली अब दिल धड़कती है
तेरे माथे की बिंदी अब नींदे मेरी उड़ाती है
कदरदान हुए है आशिक़ तेरे मोहल्ले के
जब तेरे पाओं की पायल छन कर जातीं है

तेरे माथे की बिंदी गजब ढाती है
तेरे होंठो की लाली तो रंग लाती है
तेरी पायलें तो करती हैं मुझसे बातें
इन झुमको में तू कहर बरसाती है

तेरे झुमको की अदाएं मुझे पास बुलाती हैं
तेरे नाक की नथ जाने क्यों चैन मेरा चुराती है
बीमार से हो गए हैं अब तेरे इश्क़ में हम, कि
झुमके, लाली, पायल, बिंदी तेरी याद दिलाती हैं
-akash bharti

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22 FEB 2023 AT 13:39

खुद से ज्यादा करने लगा तुझपर वो ऐतबार हो तुम
शहर-ए-मोहब्बत में बमुश्किल से मिलता है वो यार हो तुम
तेरे लिए तो तमाम हदों से भी गुजर जायेंगे अब हम
सुकून की वजह तुमसे है क्यों की मेरा प्यार हो तुम...3
-akash bharti

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22 FEB 2023 AT 13:35

तमन्नाओं भरी इस ज़िंदगी का इंतज़ार हो तुम
जीने की वजह और मोहब्बत का इजहार हो तुम...
पतझड़ के बाद जिस तरह शाखों पर पत्ते आते हैं
तुझसे जुड़कर मिला जो मुझे वो संसार हो तुम...2
-akash bharti

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22 FEB 2023 AT 13:30

सुकून का दरिया धड़कनो का सितार हो तुम
रब ने बक्शी है जो हमें वो बहार हो तुम...
के इन सांसो पर हक़ अब तेरा हो चूका है
मुद्दतों बाद मिली ख़ुशी का गुलज़ार हो तुम... 1
-akash bharti

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20 AUG 2022 AT 10:58

सुन! प्यार बहुत है तुझसे
उसे जताने से ज्यादा तो
तुझे सताना अच्छा लगता है...
-akash bharti

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14 JUL 2022 AT 12:21

अजी ये सादगी तो बस एक छलावा है
पर ये नकली चेहरे तो बड़े हसीन होते हैं...
आँखो में झाँक कर दग़ा कर जाते हैं 'आकाश'
ये चेहरे वाले दिल के बड़े लज्जाहीन होते हैं...
-akash bharti

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14 JUL 2022 AT 11:24

मैं उसकी तारीफ़ में कुछ अल्फाज़ कैसे कहूं
अजी उसकी शख़्सियत की ये एक तौहीन होगी...
वो शख्स खुदा का रौशन करिश्मा है 'आकाश'
तबस्सुम-ए-ज़िंदगी उसकी कितनी हसीन होगी...
-akash bharti ✍️

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7 JUL 2022 AT 10:50

हर किसी को हाल सुनाना नही आता,
हर किसी को दर्द दिखाना नही आता...
कह देते हैं लोग अक्सर आँखो से बातें 'आकाश'
हर किसी को जुबां से समझाना नहीं आता...
-akash bharti

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