ती...
ती बाबांची लेक असली तरी
दुसऱ्या घरची सून आहे...
ती फुलांची कळी असली तरी
बागेचा सुगंध आहे...
ती कापूस असली तरी
समईची वात आहे...
ती चंद्राची कोर असली तरी
सूर्याची रोशनी आहे...
ती सीमेवर नसली तरी
सैनिकाची कारभारीण आहे...
ती समोर नसली तरी
प्रत्येकाच्या पाठीमागे आहे...
ती स्मशानात असली तरी
अविरत चिंतेत आहे...
ती एक असली तरी
अनंत रुपी आहे...
©_✍️श्रीकृष्ण के.केंद्रे
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हम सोचते हैं की अगर कोई पुरूष स्त्री पर कुछ
लिखेगा तो सिर्फ उसके सौंदर्य का वर्णन होगा।
(Plz read in caption)-
कल्पनेत झालेलंअपूर्ण प्रेम फक्त कल्पनाच पूर्ण करू शकतात
वास्तवात मात्र याचा वास्तवाशी काहीच
संबंध नसतो. त्यामुळे ते मात्र प्रेम नसून एक सुंदर
कल्पना असते. आणि कल्पना जगायची नसते,कारण
ती फक्त भ्रम असते. आपला अधिकार फक्त स्नेह,आपुलकी,विश्वास , आणि मित्रता यावरच असतो.-
" ना अब बसंत फिर से पतझड़ में बदलेगा
ना वो अब फ़िर बिछड़ेगा,
ना अब हम उसी के ख़ुशी के लिए उसी से लड़ेंगे
ना फिर हम खुद के अंतर्मन के द्वंद से गुजरेंगे
परिंदे तो पहले भी आज़ाद थे सारा आसमान
उसका था अब उसे फिर से प्रेम के पिंजरे में
कैद कोई कब तब रख सकेगा पंछी को फिर से आजाद करेंगे।
प्रेम स्वतंत्र ही था, प्रेम स्वतंत्र ही रहेगा हमेशा।-
जमाना प्रश्न करता गया एक स्त्री से सदीओ से
" तुमने प्रेम में क्या किया??"
पुरुषों ने प्रेम में पत्थर तोड़े, ताजमहल बांधे, शिलाके सेतु बनवाए ;
कुछ मजनू कुछ पागल बने
कुछ शायर कुछ घायल बने पर स्री ने क्या किया?
"सीता बनकर वनवास सही, अग्निपरीक्ष दी,
उर्मिला बनकर आजीवन प्रतिक्षा की,
सती बनकर महल त्यागी, माँ पार्वती बनकर
तपश्र्चर्या की, रुक्मिणी बनकर प्रेम किया,
राधा बनकर विरह की पीड़ा सही, मीरा बनकर
विष का प्याला पिया फिर भी आप सवाल करते
की स्त्री ने प्रेम के लिये क्या किया!!___ "तो कुछ
भी नहीं किया!!"
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खुद से ख़ुदा के लिए कुछ न चाहा कभी
मांगी हैं दुआ ओ में आपकी सलामती,
आपकी खैरियत, आपकी खुशियां बेमिसाल।
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"तुम"
शामिल हो मेरे रातों में, बातों में
और मेरे जागृति में,
मेरे निंदो में, ख्वाबो में, सपनों में,
और मेरे अपनो में ।
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"सारे जग से अलग मेरे देश तेरी एक झलक"
I love my india ❤️❤️❤️
"सोने की चिड़िया जिसे लोग कहते थे,
हम नाज करते हैं उस मिट्टी पे जो दुनिया
का ताज आज भी अपने शीश पे धारण करती
यह देश साधु,संत,की पावन भूमि हैं
यह वीर और शौर्य की गाथा हैं
यह संस्कार और सम्मान की धरती हैं
गुरूर हैं स्वयं पर की हम सब भारतीय हैं।🇮🇳🇮🇳
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"सारा जगत ही कृष्णमय लगे
तेरे बिन कान्हा ये सुन मेरा मन
कही न लगे ,सारी चिंताएं, विवनचना
व्यथा, दुखड़े,सुख, अभिलाषा ,इच्छा
तेरे चरणों में समर्पित हैं कान्हा
जब मैंआपसे बिछड़ी जीवन ने
और मेरी अनगिनत हसरतों से
केवल दुःख मिले मुझे
मुझे रास नहीं आता ये माया भरा तेरा संसार
लेले शरण में मेरे "गिरिधर"!!-
"ना कोई तमन्ना ना कोई हसरत अब ज़िंदगी में शेष हैं,
"ना किसी से मोह, नहीं कोई अभिलाषा उर्वरित है
"ना किसी से ईर्षा न किसी से नफरत हैं
" मेरा मन स्थित है अब सिर्फ ईश्वर के चरणों पर"
" अपने कर्त्तव्य पथ पर अडिग हैं हम
"सबका मंगलमय जीवन हो !! यही प्रार्थना
शुभ रात्री 💐😊 "राधे राधे!!-