जो मेरा है ही नहीं, उसके बारे में ही क्यों? सोच, सोच कर परेशान हो रही हू...??— % &
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हम अक्सर उसकी हर गलत बात और गलती को, जिसे हम खुद से ज्यादा चाहते हैं...!!
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तू करीब नही तो क्या...!
तेरी यादों की करीबी,
मेरे दिल में हर दम रहती हैं;
जो तेरे बगैर भी मुझे मुस्कराकर,
ज़िन्दगी जीने की वज़ह देती हैं !!
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तुम्हें भी जब तुम भी कभी मोहब्बत की,
गलियों की राहों से गुजरोगे !!-
तेरी ज़िन्दगी में ना सही !
तेरे दिल में आज भी मेरे लिए जगह है;
बस यही बात का एहसास,
मुझे मुस्कराकर ज़िन्दगी जीने की वजह देता हैं...!!-
"सच्चा प्रेम" अपने पन का अहसास है ; जीस प्रेम में पाने खोने की उम्मीद हो, वो प्रेम तो हो सकता है, लेकिन उस प्रेम में, "सच्छे प्रेम" के अहसास का भाव, नही हो सकता...!!
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दोनों ही अधुरे हैं...!
जब तक इनका अहसास दिल से न...हो...?
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तुम्हारी नजर अंदाजगी की
बस बात जिस दर्द से हम
गुजर रहे हैं उस दर्द से तुम्हें
ना गुजरना पड़े इसलिए सब
कुछ जानकर अंजान रहना
मजबूरी है......!
वरना तुम्हारी नजर अंदाजगी
के अंदाजे से अंजान हो इतने
नादान तो हम भी नही....है !!-
जहाँ प्रेम के अहसास को अल्फाजों में, बयान ना किया जा सके...!
वहाँ प्रेम का स्पर्श...!❤
मोन रहकर भी अपनी मोजुदगी के, अहसास बयान कर देता हैं...!!-
मुझे कभी ना जिंदगी की
गणित समझ में आई...😕
ना कभी रिशतों की
गणित समझ में आई...🙄
और पढ़ाई वाली गणित
तो सिधे सर के ऊपर से ही
निकल जाती हैं...😂😂😂-