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Joined 14 October 2018


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Joined 14 October 2018
31 DEC 2021 AT 21:53

रिश्ते जख्म खा- खा कर अब जवां हो गये
याद कर पुरानी बाते अब खफ़ा हो गये
अब फिर से खेल रचा कामयाबी का जो मैने
पूरा जरूर करूंगा नए साल में


Happy new year 2022

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30 OCT 2021 AT 10:39

हर रोज तुम्हारा मुकद्दर नहीं बनूंगा मैं
तुम्हारी बातों को रोज सरेआम नहीं करूंगा
यूं तो तुमसे मुलाकात नहीं होती मेरी
फिर भी मिलने का बहाना रोज करूंगा

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9 AUG 2021 AT 0:05

ये बातें फ़ुरसत के पलों में भी
कुछ इस कदर खामोश करती है,
जैसे अंगड़ाई लेती हुई कोई शाम गुजर जाये,

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26 MAY 2021 AT 22:17


सालो गुजर गए कोई हादसा ना हुआ,
जब उसका msg आया तो होते-होते बचा ।

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20 MAY 2021 AT 22:18

हर कहानी के पीछे एक यथार्थ छुपा रहता है
हर बार कहानी आनन्द का एहसास ही नहीं करवाती कभी- कभी दिल में कशिश भी उत्पन्न कर देती है. काल्पनिक ही सही मगर दिल को कहीं ना कहीं
छूकर निकलती है कहानी।
शब्दों को पिरोने से कहानी ही नहीं ब्लकि एक एहसास भी उत्पन होता है जो दिल को तसल्ली
तो कभी तिश्नगी का एहसास करवाती है,
हर बार सुकून ही नहीं कभी कभी
गम भी देती है कहानी।

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18 MAY 2021 AT 23:26

Koi अजनबी है, लगता है Ham जैसा ही है
Haa भी कहता है और ना भी
Kisi गुजारिश की तमन्ना से बेकरार है Dil उसका
Tabhi तो बातें अधूरी कहता है Aaj भी

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13 MAY 2021 AT 21:37

Koi तो है जो दिल को बार-बार परेशान करता hai
Nazar बचाकर कत्ल करने का इरादा रखता hai
होने को हमसफ़र है वो मेरा
Magar दुश्मनी आहिस्ता आहिस्ता निभाता है

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30 APR 2021 AT 22:53

Didar-ए -आलम मे बेसब्री से जग रहा है koi kabतलक परेशान है हर कोई
Aaj घटाओं ने पहरा दे ड़ाला चांँद पर भी
वरना कबूल हो जाता हमसफ़र koi

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14 APR 2021 AT 10:43

जो ना रुका कभी, जो ना झुका कभी
मन में प्रण लेकर देश बदलने चला था कभी।
खुद की ना कोई पहचान,
धूल में सना एक दलित इंसान।
महसूस कर देश की पीड़ा,
सर पर बांध जुनून का सेहरा।
चलता गया, बढ़ता गया, कर लक्ष्य संधान
छुआछूत जातिवाद से बदतर था जब समाज।
मुक्त कर सभी आडम्बर को
बनाया एक खुशहाल इंसान।
राजनेता, शिल्पकार, समाज-सुधारक बनकर
दिला गया देश को एक अलग पहचान।
संविधान निर्माता बनकर भारत रत्न सम्मान है पाया
गुलामी से जकडे़ लोगों को आजादी का जश्न दिलाया
नाम है जिनका बाबा साहब,
जिनका परचम राष्ट्र में लहराया।

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20 MAR 2021 AT 22:18

शहर भर का जला ख्वाब मिट्टी में तलाश रहा हूं,
में हर मंज़र को टुकड़ों में नाप रहा हूं
ये मौजूदा हालात क्या क्या करवाएगा हमसे
हर मोड़ पर दिल तुड़वाएगा अब हमसे

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